संतों ने कराया शुभारंभ
शोभायात्रा का शुभारंभ जगतगुरू श्यामदेवाचार्य डॉ. स्वामी श्यामदास महाराज, स्वामी नरसिंहदास, स्वामी मुकुंददास महाराज, स्वामी चैतन्यानंदजी व अन्य संतों ने मुख्य बस स्टैंड के समीप से किया। जो शहर के मुख्य चौराहों से होते हुए गुजरी। इसका समापन भानतलैया त्रिमूर्ति मंदिर में हुआ। समापन के बाद के बाद झांकी के प्रतिभागियों और आयोजन में सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
बैंड की धुन और अखाड़ों ने घोला उत्साह इस मौके पर अखाड़ों का प्रदर्शन भी किया गया जोकि शोभायात्रा का प्रमुख आकर्षण रहा। पुराने जमाने के करतब देखकर हर कोई रोमांचित हो रहा था। विशेषकर बच्चों को इस विधा ने खासा लुभाया। इधर ब्रास-बैंड की प्रस्तुति ने भी शोभायात्रा का महत्व बढ़ा दिया। बैंडबाजों की धुन पर युवा नाचते-थिरकते आगे बढ़ रहे थे।
झूम उठी गोपियां
सनातन धर्म मंदिर गोरखपुर में सुबह से ही भगवान के दर्शन पूजन का दौर शुरू हो गया। यहां मध्य रात्रि में भव्यता के साथ भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जन्मोत्सव के इंतजार में मौजूद सैकड़ों लोगों की भीड़ भगवान की भक्ति में ऐसी खो जाती है कि इस दौरान मथुरा, वृंदावन का नजारा नजर आने लगता है। सोमवार को हुए आयोजन में गोपियों का कृष्ण भक्ति में झूमना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। वे ऐसे खोईं कि लोग आश्चर्यचकित होकर बस भगवान की भक्ति देखते रहे।
सनातन धर्म मंदिर गोरखपुर में सुबह से ही भगवान के दर्शन पूजन का दौर शुरू हो गया। यहां मध्य रात्रि में भव्यता के साथ भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जन्मोत्सव के इंतजार में मौजूद सैकड़ों लोगों की भीड़ भगवान की भक्ति में ऐसी खो जाती है कि इस दौरान मथुरा, वृंदावन का नजारा नजर आने लगता है। सोमवार को हुए आयोजन में गोपियों का कृष्ण भक्ति में झूमना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। वे ऐसे खोईं कि लोग आश्चर्यचकित होकर बस भगवान की भक्ति देखते रहे।
मंदिर में जन्मोत्सव
नृसिंह मंदिर शास्त्री ब्रिज में महामंडलेश्वर स्वामी श्यामदेवाचार्य महाराज के सान्निध्य में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन हुआ। इस अवसर पर महाराज जी द्वारा कृष्ण जन्मोत्सव का महत्व बताकर उनके दिखाए मार्ग को आत्मसात करने का आग्रह किया। लघुकाशी पचमठा मंदिर गढ़ा रोड पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच हजारों भक्तों की मौजूदगी में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान के दर्शन करने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। राम मंदिर शांतिनगर, कृष्ण मंदिर छोटी ओमती, राम मंदिर त्रिमूर्तिनगर, राम मंदिर अधारताल समेत अन्य मठ-मंदिरों में उत्सवपूर्ण माहौल में जन्मोत्सव का क्रम चलता रहा।