इस दौरान मृगशिरा नक्षत्र में नवीन वस्त्रादि धारण, मित्रता, अलंकार, गीत-वाद्य व विवाहादि मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे। आद्र्रा नक्षत्र में जारण, मारण व विद्वेषण आदि कार्य सिद्ध हैं। आजयोग शिव नाम? योग ?? दोपहर बाद ३.४३ तक, इसके बाद सिद्ध नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: यमघंट नामक अशुभ योग सायं 5.30 से अगले दिन सूर्योदय तक है। यमघंट नामक योग में विशेषत: यात्रादि वर्जित रखना हितकर है। करण: बव नामकरण पूर्वाह्न 11.25 तक, तदुपरान्त बालवादि करण रहेंगे।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मंगल कृत्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है। आज का श्रेष्ठ चौघडिया प्रात: ९.२७ से दोपहर बाद तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद 2.53 से सायं 4.15 तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11.49 से दोपहर 12.32 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज अंगारक चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय जयपुर में रात्रि 8.50 पर)। चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि मिथुन राशि में है।
दिशाशूल: मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी। राहुकाल: अपराह्न 3.00 से सायं 4.30 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना
हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (क,कि,कू,घ,ड़) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मिथुन है। सायं ५.३० पर जन्मे जातकों का जन्म स्वर्ण पाद से है। सामान्यत: ये जातक पंडित, विद्वान, बुद्धिमान, तीव्र गति से चलने वाले, विवेकशील, चालाक, पर फिसादी, अभिमानी, विचलित मन-मस्तिष्क वालेे, थोड़े आडम्बरी होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 28 वर्ष की आयु तक होता है। मिथुन राशि वाले जातकों को आज कहीं दूर- परे की यात्रा करनी पड़ सकती है। यात्रा में धन व मान प्रतिष्ठा का लाभ होगा।