तीन पत्ती पर निगम वाली लेन में चला ट्रॉयल
सेंसर युक्त सिग्नल का ट्रॉयल अभी तीन पत्ती के निगम वाली लेन पर चल रहा था। छह महीने के ट्रॉयल का परिणाम ठीक मिलने के बाद अब इसे 11 चौराहों पर विस्तारित किया जा रहा है। सेंसर 200 मीटर की दूरी तक खड़े वाहनों को रीड कर लेंगे, फिर इसके अनुसार रेड या ग्रीन सिग्नल देंगे। वाहनों की संख्या के अनुसार रेड या ग्रीन सिग्नल की टाइमिंग ऑटोमैटिक बदलेगी।
सेंसर युक्त ट्रैफिक सिग्नल इंटरनेट से जुड़ेंगे
सेंसर युक्त ट्रैफिक सिग्नल को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है। इसे ट्रैफिक थाने, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से या अन्य स्थानों से भी नियंत्रित किया जा सकेगा, रिकॉर्डिंग भी होगी।
न्यूज फैक्ट-
आइटीएमएस की लागत-27 करोड़
चौराहे पर कैमरे, पीए सिस्टम और डिस्प्ले लगाए जा रहे
इन चौराहों पर लगेगी-ब्लूम चौक, रानीताल, तीन पत्ती, दमोहनाका, कटंगा, पेंटीनाका, लेबर चौक, बल्देवबाग, गोहलपुर, अधारताल, कलेक्ट्रेट
ये होगी विशेषता
-मैन्युअल टाइमिंग सेट नहीं करना पड़ेगा
-कमांड सेंटर से ही टाइमिंग में बदलाव किया जा सकेगा
-सेंसर खुद रीड कर लेगा कि अमुक मार्ग पर अधिक ट्रैफिक दबाव, तो ग्रीन सिग्नल की बढ़ जाएगी टाइमिंग
-सेंट्रालाइज्ड मिलेगा ग्रीन सिग्नल
ब्लूम चौक पर नहीं दिखती टाइमिंग
ब्लूम चौक पर नई डिजाइन का सिग्नल लग चुका है, लेकिन टाइमिंग बताने वाला डिस्प्ले पुराने पोल पर ही लगा है। उसके आगे नए पोल लगाने से टाइमिंग बोर्ड छिप गया है, इससे लोगों को टाइमिंग नहीं दिख पाती।
वर्जन-
शहर में 11 स्थानों पर नई डिजाइन वाले हाइटेक ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली लगाने का काम चल रहा है। ये प्रणाली सेंट्रालाइज्ड होगी। इससे लोगों को हर चौराहे पर अटकना नहीं पड़ेगा।
अंकुर खरे, प्रभारी आइटीएमएस
वर्जन-
मौजूदा ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली बहुत पुरानी है। वाहनों का दबाव अलग-अलग मार्गों पर समय के साथ बदलता रहता है। इस बारे में पूर्व में सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में बात उठायी थी। आइटीएमएस के अंतर्गत शहर के प्रमुख 11 चौराहों पर हाइटेक सेंसर युक्त सिग्नल प्रणाली लगाने का काम शुरू हो गया है।
अमृत मीणा, एएसपी ट्रैफिक