गांव के परमानंद चक्रवर्ती के साथ पहुंचे बद्रीलाल ने एसडीएम गौरव बैनल को बताया कि पिछले माह में उसका बिजली बिल 116 रुपए आया था। इस माह उसे 8057 रुपए का बिजली बिल भेज दिया गया। इतनी भारी-भरकम राशि वह कहां से चुकाएगा। जैसे-तैसे मजदूरी करके परिवार का पेट पाल रहा हूं। कुछ ऐसी ही स्थिति गया प्रसाद पटेल, हरिलाल यादव, राजभान लोधी, छोटेलाल नामदेव, शिवचरण कुम्हार सहित तीन दर्जन से अधिक ग्रामीणों की थी। उन्हें भी बिजली कंपनी ने डेढ़ हजार रुपए से लेकर पांच हजार रुपए तक का बिजली बिल भेज दिया था, जबकि पिछले माह इन सभी का बिजली बिल 97 से 116 रुपए के बीच आया था।
डीई बोले-‘जितना बिल आया है, चुकाना पड़ेगा’
ग्रामीणों ने एसडीएम को बताया कि वह अनाप-शनाप बिजली बिल भेजने पर सिहोरा स्थित बिजली कंपनी के कार्यपालन यंत्री से मिलने गए थे। उनका कहना था कि जितना बिल आया है, उतना देना ही पड़ेगा। साहब, दो सौ रुपए की मजदूरी करने वाले इतना बिल कैसे चुकाएंगे।
ग्रामीण अधिक बिजली बिल आने की शिकायत लेकर आए थे। शिकायत को लेकर सम्बंधित बिजली कंपनी के अधिकारी से जांच कराई जाएगी कि आखिए एकदम से इतना बिजली बिल कैसे आ गया।
गौरव बैनल, एसडीएम, सिहोरा