यहां हुई ज्यादा परेशानी
डिंडौरी, मंडला, अमरकंटक और दमोह जाने वाले अधिकतर यात्री बस से सफर करते हैं। ऐसे में जब सोमवार को उन्हें बस नहीं मिली, तो उन्हें ज्यादा परेशानी हुई। इन जिलों से रोजाना मजदूर भी शहर आते और जाते हैं।
डिंडौरी, मंडला, अमरकंटक और दमोह जाने वाले अधिकतर यात्री बस से सफर करते हैं। ऐसे में जब सोमवार को उन्हें बस नहीं मिली, तो उन्हें ज्यादा परेशानी हुई। इन जिलों से रोजाना मजदूर भी शहर आते और जाते हैं।
बाकी बसें भी अधिग्रहित
शनिवार सुबह आरटीओ संतोष पॉल और उनकी टीम शहर के विभिन्न स्थानों पर पहुंची। जहां से बाकी बची बसों को अधिग्रहित किया गया। कुछ बसों को जहां राइट टाउन भेज दिया गया, वहीं कुछ बसों को आपात परिस्थितियों के लिए आरटीओ कार्यालय परिसर में खड़ा करवाया गया है। ये सभी बसें 30 अप्रैल की रात और एक मई की सुबह तक अधिग्रहण मुक्त होंगी।
आंकड़ो पर एक नजर
1200 यात्री बसें शहर से चलने वाली
72,000 यात्री रोजाना यात्रा करने वाले
120 ट्रेनों का कुल संचालन
16 ट्रेनें जबलपुर से शुरू होने वाली
26,000 यात्री ट्रेनों में यात्रा करने वाले