scriptशब-ए-कद्र में बाहर सन्नाटा, घरों में बुलंद हुई इबादत की आवाज | Silence outside in Shab-e-Kadra, voice of prayer raised in homes | Patrika News

शब-ए-कद्र में बाहर सन्नाटा, घरों में बुलंद हुई इबादत की आवाज

locationजबलपुरPublished: May 20, 2020 09:59:41 pm

Submitted by:

abhimanyu chaudhary

सवाब के लिए घरों में पूरी रात हुई इबादत

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जबलपुर, कोरोना संक्रमण के कारण पहली बार रमजान की पाक रात शब-ए-कद्र को मस्जिदों के बाहर सन्नाटा नजर आया और घरो में पूरी रात इबादत की आवाज बुलंद होती रही। जिस प्रकार रोजेदारों ने घरों में रहकर रोजा और नमाज का फर्ज अदा किया, उसी प्रकार शब-ए-कद्र यानी २६ वें रोजा बुधवार की रात में नमाजियों ने सब्र का इम्तिहान दिया।
रमजान के आखिरी और तीसरे अशरे की ढलान पर शब-ए-कद्र की रात आती है। इसी रोजा को कुरआन मुकम्मल हुआ। इस दिन इबादत से कई गुना सवाब हासिल होता है। कोरोना संकट के दौर में मस्जिदों में चंद लोगों ने ही नमाज अदा किया। मस्जिदों में रात में हाफिजों के इस्तकबाल की रस्में भी पूरी हुई लेकिन 5-7लोग ही शामिल हो सके। जबकि, रहमत, बरकत, गुनाहों से माफी और जहन्नम से आजादी की राह में रात में लोगों ने घरों में नमाज अदा किया। शब-ए-कद्र के साथ ईद की खुशियां करीब आ गई है। चांद के दीदार के अनुसार 29या 30 वें रोजे को घरों में ही ईद की खुशियां मनाई जाएगी। अपनों के घर जाकर गले मिलने की बजाए लोग सोशल मीडिया के माध्यम से बातें की दिल से दुआ देंगे।
हर साल से अधिक खुशियां बांटने का पैगाम

मुफ्ती-ए-आजम मप्र मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी ने शब-ए-कद्र के मौके पर मुसलमानों से दर्द भरी अपील की। उन्होंने पैगाम दिया कि हमारे मुल्क में पहली बार एेसा संकट आया है कि हर वर्ग लाचार और मजबूर है। एेसे दौर में इस्लामी शरीयत ने हमें जो गाइडलान दी है, उस पर अमल करते हुए आपने सब्र और कुरबानी का परिचय दिया। ईद के मौके पर ना जाने कितने लोग आपकी राह देंख रहे होंगे कि कोई कुछ लेकर आएगा। इस बार हमें हर साल से अधिक खुशियां बांटनी चाहिए।
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