जबलपुर

अब नहीं चलेंगे डिस्पोजल गिलास और प्ला स्टिक की चम्मच

शहर में रोजाना बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग होता है। आगामी एक जुलाई से इसके उत्पादन, भंडारण, वितरण, विक्रय और उपयोग पर रोक लग जाएगी। उद्योगों में इसका उत्पादन और दुकानदारों ने स्टॉक करना बंद कर दिया है। अब लोगों के सामने इसे अपनी आदत से निकालना बड़ी चुनौती होगी।

जबलपुरJun 29, 2022 / 11:34 am

gyani rajak

एक जुलाई से सिंगल यूज प्ला​स्टिक पर लग जाएगा प्रतिबंध

जबलपुर@ज्ञानी रजक. शादी-विवाह हो या अन्य कार्यक्रम, सभी में सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग होता है। प्लास्टिक से बने गिलास, कप, कटोरी, चम्मच के बिना कार्यक्रम नहीं होते। थर्माकोल के दोने, प्लेट और कप का भी उपयोग होता है। इनका इस्तेमाल केवल एक बार होता है। इनकी रिसाइकिलिंग भी कठिन होती है। इसलिए ये पर्यावरण को भी हानि पहुंचाते हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध के लिए जागरुकता अभियान चलाने की बात तो करता है, लेकिन उसका ज्यादा असर नजर नहीं आता। हालांकि सिंगल यूज प्लास्टिक के विक्रेताओं ने अपना स्टॉक कम कर दिया है, लेकिन कई सामग्री में इसका इस्तेमाल अब भी हो रहा है।

बहुत कम लोग लाते हैं थैला

सब्जी-फल खरीदने वाले अमानक पॉलीथिन का ही उपयोग करते हैं। बहुत कम लोग थैला लाते हैं। किराना दुकान व दूसरी सामग्री की पैकिंग में भी इसका उपयोग किया जाता है। इनका इस्तेमाल प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक से बने बड्स (इयर बड, गुब्बारों की डंडी, कैंडी, आइसक्रीम की डंडी), कटलरी आइटम (प्लेट्स, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे), पैकेजिंग (मिठाई का डिब्बा, शादी कार्ड, सिगरेट पैकेट), अतिरिक्त आइटम 100 माइक्रोन से कम के फ्लेक्स बैनर, थर्माकोल से बनी वस्तुएं और सजावटी सामग्री आदि।

छह इकाइयों ने बंद किया

उत्पादन मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के बाद जबलपुर की 6 निर्माता कम्पनियों ने इसका उत्पादन बंद कर दिया है। ये इकाइयां अब दूसरे उत्पाद तैयार करेंगी। अब जिला प्रशासन और नगर निगम के समक्ष चुनौती होगी कि वे इसका इस्तेमाल रुकवाएं

ये है स्थिति

– 06 प्लास्टिक उत्पादन इकाइयां हैं जिले में

– 10 से ज्यादा होलसेलर करते हैं विक्रय

– 500 से अधिक छोटे-बड़े रिटेलर

– 50 लाख से ज्यादा का रोजाना होता है कारोबार

सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग एक जुलाई से प्रतिबंधित किया जा रहा है। इसके लिए जागरुकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। इसके बावजूद यदि कहीं इसका विक्रय और उपयोग होता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
शेर सिंह मीणा, अपर कलेक्टर

लोगों को बताया जा रहा है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं पर रोक लगाई जाएगी। जबलपुर में छह उत्पादक इकाइयों में इसका उत्पादन रुकवा दिय गया है।
एसके खरे, वैज्ञानिक, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

18 वस्तुएं प्रतिबंध के दायरे में हैं। हम सरकार का सहयोग करेंगे। लेकिन, कार्रवाई के लिए आने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षत किया जाए। हम सरकार से इनके विकल्प की मांग करते हैं।
शंकर नाग्देव, अध्यक्ष, महाकोशल प्लास्टिक उद्योग संघ

पर्यावरण को ध्यान में रखकर सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद कर देंगे। लोग भी इसे अपना सामाजिक दायित्व मानें। इसके स्थान पर जो विकल्प दिया जाए, उसकी कीमत इतनी हो कि हर कोई वहन कर सके।
अनीश साहू, ग्राहक

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