100 से अधिक लोगों के बयान
जानकारी के अनुसार चार्जशीट में अस्पताल के कर्मचारियों, होटल वेगा में मरीज बनाकर भर्ती किए गए लोगों सहित 100 लोगों के बयान हैं। इसके अलावा आयुष्मान योजना के भोपाल स्थित कार्यालय से मिली विभिन्न मरीजों की फाइलें, जांच रिपोर्ट व अन्य साक्ष्य भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार चार्जशीट में अस्पताल के कर्मचारियों, होटल वेगा में मरीज बनाकर भर्ती किए गए लोगों सहित 100 लोगों के बयान हैं। इसके अलावा आयुष्मान योजना के भोपाल स्थित कार्यालय से मिली विभिन्न मरीजों की फाइलें, जांच रिपोर्ट व अन्य साक्ष्य भी शामिल हैं।
यह है मामला सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल की संचालक डॉ. दुहिता पाठक और उसके पति डॉ. अश्वनी पाठक दलालों के माध्यम से आयुष्मान योजना के हितग्राहियों की तलाश करते थे। फिर उन्हें मरीज बनाकर होटल वेगा में रखा जाता था। इन्हें गंभीर बीमार बताकर आयुष्मान योजना से रुपए लिए जाते थे। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने होटल वेगा में छापा मारा, तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद 28 अगस्त को डॉ. दम्पती को गिरफ्तार किया गया था।
बेटे के नाम पर होटल
जांच में पता चला था कि अस्पताल की बिल्डिंग डॉ. अश्नी पाठक के नाम पर है, जबकि लाइसेंस उसकी पत्नी डॉ. दुहिता पाठक के नाम पर है। जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि होटल वेगा डॉ. दम्पती के बेटे के नाम पर है। पुलिस उन दलालों की तलाश कर रही है जो सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में आयुष्मान हितगा्रहियों को लेकर आते थे।
बेटे के नाम पर होटल
जांच में पता चला था कि अस्पताल की बिल्डिंग डॉ. अश्नी पाठक के नाम पर है, जबकि लाइसेंस उसकी पत्नी डॉ. दुहिता पाठक के नाम पर है। जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि होटल वेगा डॉ. दम्पती के बेटे के नाम पर है। पुलिस उन दलालों की तलाश कर रही है जो सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में आयुष्मान हितगा्रहियों को लेकर आते थे।