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चार महीने से लापता युवती का कंकाल मिला खंडहर में

locationजबलपुरPublished: Sep 25, 2021 11:01:34 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-परिजनों ने जताया आक्रोश

शोकाकुल परिवारजन

शोकाकुल परिवारजन

जबलपुर. जिले के रांझी झंडा चौक वंशकार मोहल्ला से चार महीने पहले लापता युवती का शव शुक्रवार को एक खंडहर से मिला। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरी ओर कंकाल में तब्दील शव का पोस्टमार्टम कराया गया। अब कंकाल का डीएनए टेस्ट होगा। साथ ही कंकाल के कुछ हिस्से को डॉक्टरों ने सागर एफएसएल भी भिजवाया है। उधर इस हत्याकांड के खुलासे के बाद थाने पहुंचे परिजन और उनके साथियों ने पुलिस पर मामले की सही तरीके से पड़ताल न करने का जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध भी जताया। थाने पर प्रदर्शन भी किया। उन्होंने रांझी पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने गंभीरता से मामले की जांच की होती तो इस हत्याकांड का खुलासा कब का हो गया होता। मां सुधा और पिता नंदकिशोर ने आरोप लगाए कि इस हत्याकांड में आकाश के अलावा सूरज, प्रकाश, बसंत बेन भी शामिल रहे हैं। इस बीच युवती के कंकाल का बड़ा हिस्सा बोरे में भर कर परिजनों को सौंप दिया गया।
खंडहर
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रांझी झंडा चौक वंशकार मोहल्ला निवासी नंदकिशोर वंशकार की चार संतानों में सबसे बड़ी बेटी ललिता (परिवर्तित नाम) गत 31 मई की दोपहर घर से निकली तो फिर वापस नहीं लौटी। घरवालों ने बेटी की काफी तलाश की लेकिन जब उसका कुछ भी पता नहीं चला तो रात में पिता नंदकिशोर ने रांझीं थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बेटी के गुम होने के मामले में बजरंग नगर गंगामईया निवासी आकाश बेन पर बेटी को गायब करने का संदेह भी व्यक्त किया।
लापता युवती जिसका मिला कंकाल
पीड़ित पिता नंदकिशोर का कहना है कि बेटी के मोबाइल में अंतिम कॉल आकाश बेन की ही मिली है। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई थी। उसके बाद वह घर से निकली थी। तत्कालीन टीआई आरके मालवीय ने चार बार आकाश बेन को पूछताछ के लिए उठाया, लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा। पूछताछ के बाद उसे हर बार छोड़ दिया गया। इधर बेटी के गम में पूरा परिवार तिल-तिल कर जीता रहा। पिता का कहना है कि बेटी की तलाश में उसने पचासों दफा थाने का चक्कर लगाया। एसपी और आईजी-डीआईजी से भी मिला। यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की। लेकिन कुछ पता नहीं चला तो हार कर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्क्षीकरण याचिका दायर की जिस पर कोर्ट ने निर्देश पर एसपी ने इस मालमे की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी। इस मामले की जांच की शुरूआत से ही आकाश बेन पर शक रहा लिहाजा क्राइम ब्रांच ने उसे 23 सितंबर की रात में उसे हिरासत में ले कर पूछताछ शुरू की। क्राइम ब्रांच की सख्ती पर आकाश टूट गया और उसने सारी कहानी सिलसिलेवार उगल दी।
आकाश ने क्राइम ब्रांच को बताया कि वह ललिता (परिवर्तित नाम) से प्रेम करता था। लेकिन उसकी शादी कहीं और तय हो गई, जिसके बाद उसने बातचीत करना भी बंद कर दिया। उसके बाद उसकी हत्या कर दी। बताया कि 31 मई की दोपहर में ललिता (परिवर्तित नाम) से फोन पर बात कर मिलने को बुलाया और उसे लेकर वीकल इस्टेट के खंडहर हो चुके पुराने दो मंजिला क्वार्टर में ले गया। क्वार्टर चारों तरफ से झाड़ियों से घिर चुका है। इस खंडहर हो चुके क्वार्टर के दूसरी मंजिल पर आरोपी ललिता (परिवर्तित नाम) ले गया। वहां उसके साथ ज्यादती भी की और फिर चाकू से गर्दन पर वार कर मार डाला। फिर शव को वहीं छुपा कर भाग निकला। ऐसे में इन चार महीनों में शव कंकाल में तब्दील हो गया। रांझी पुलिस ने उसकी निशानदेही पर 24 सितंबर को कंकाल बरामद किया। साथ ही हत्या में प्रयुक्त चाकू और हत्या के दिन पहने गए कपड़े भी जब्त कर लिए। घटनास्थल पर युवती के कपड़े, जूते पड़े थे। उसके सिर के बाल और कंकाल को एफएसएल की मौजूदगी में पीएम के लिए भिजवाया गया।
एएसपी संजय अग्रवाल के मुताबिक आरोपी आकाश बेन के खिलाफ हत्या और शव को छुपाने का प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। परिजनों के बयान और साक्ष्य के आधार पर जो भी सामने आएगा। उसे जांच में शामिल किया जाएगा। यदि हत्या में किसी और के शामिल होने की बात सामने आई तो उसे भी आरोपी बनाया जाएगा। मामले में डीएनए जांच भी कराई जाएगी ताकि आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके।
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