जबलपुर

highway के लिए पेड़ों का कत्लेआम, 54 किमी के डिवाइडर को भी नहीं कर पाए हरा-भरा

जबलपुर-भोपाल फोरलेन का मामला, एनजीटी के निर्देश दरकिनार

जबलपुरNov 20, 2019 / 01:34 am

santosh singh

Jabalpur-Bhopal Fourlane

जबलपुर. दो साल पहले जिस हाइवे पर हरियाली लहराती थी, आज वहां एक भी पौधे नहीं हैं। हाइवे के किनारे तकरीबन 6435 विशालकाय पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला दी गई। इनके बदले 40 हजार पौधे लगने थे। लेकिन, असल तस्वीर यह है कि हाइवे के डिवाइडर पर लगाई गई झाडिय़ां तक नहीं बचीं। पेड़ों का तो नामोनिशान नहीं है।
news fact-

जबलपुर से मेरेगांव तक सडक़ की लम्बाई: 54 किमी
– कुल पेड़ काटे-6435
– जबलपुर से भेड़ाघाट-615 पेड़
– भेड़ाघाट बायपास से शहजपुर-5,820 पेड़
कागजों में चल रहा पौधरोपण
जबलपुर-भोपाल फोरलेन के 54 किमी हिस्से को चार महीने से हरा-भरा करने की योजनाएं कागजों पर चल रही हैं। इन पौधों के लिए हाइवे के दोनों तरफ 10 मीटर चौड़ी पट्टी नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देनी थी, लेकिन जलभराव के चलते यहां रोपे गए पौधे गल गए।
दिसम्बर 2017 में अनुबंध
जबलपुर-भोपाल फोरलेन निर्माण के लिए दिसम्बर 2017 में बांगड़ इन्फ्राटेक कम्पनी से अनुबंध हुआ था। 18 महीने के इस प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य पूरा होने को है। 80 फीट चौड़े इस हाइवे के दोनों किनारों और बीच के डिवाइडर पर अभी तक पौधरोपण नहीं हुआ है। डिवाइडर पर पौधे नहीं होने से विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों की लाइट चालक पर पड़ती है, इससे हादसों की आशंका बनी रहती है।

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इन निर्देशों पर अमल नहीं
राजमार्गों के चौड़ीकरण के नाम पर काटे जाने वाले पेड़ों के बदले पांच फीट या इससे अधिक लम्बाई के पौधे लगाने का नियम है, जिससे पौधों की सर्वाइवल रेट 100 प्रतिशत रहे। इस सम्बंध में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी और राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं।
ये हैं नियम
– पौधों की लम्बाई कम से कम 5 फीट या इससे अधिक होनी चाहिए
– पौधों की अगले पांच साल तक सर्वाइवल रेट सौ प्रतिशत होनी चाहिए
– संबंधित एजेंसी पौधे का रखरखाव करेगी, फेंसिंग कर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगी
– क्षेत्र के अनुकूल स्थानीय प्रजाति के पौधे ही लगाए जाएंगे
– वन विभाग की नर्सरी से पौधे खरीदने का खर्च हाईवे बनाने के प्रोजेक्ट में शामिल होगा
– रोड साइड प्लांटेशन का काम राजमार्ग निर्माण कार्य शुरू होने से पहले या इस दौरान पूरा किया जाएगा
– सम्बंधित एजेंसी वन विभाग को समय पर पौधों के लिए बताएगी, ताकि उपयुक्त पौधे मिल सकें
वर्जन-
जबलपुर से मेरगांव के बीच कुल 40 हजार पौधे लगाए जाएंगे। सडक़ निर्माण एजेंसी की पूरी जवाबदारी है। डिवाइडर पर झाड़ी व फूल वाले पौधे लगाए जाएंगे। भीटा व किसरौद के बीच कुछ स्थानों पर पौधे लगाए गए हैं। शतप्रतिशत पौधों के सर्वाइव होने के बाद ही भुगतान किया जाएगा।
आरएस शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएएच-12

 

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