भोपाल स्मार्ट सिटी-एबीडी एरिया का काम अब तक 70 फीसदी तक ही हुआ है। कुल साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के काम प्रस्तावित हैं, लेकिन इनमें से 2000 करोड़ रुपए तक के ही काम हो पाए हैं। एबीडी एरिया में लैंड मॉनेटाइजेशन कर दिया गया हैं। कंट्रोल कमांड सेंटर का काम सबसे पहले पूरा हुआ। उसके बाद प्लेसमेकिंग के काम हुए, लेकिन ये अधूरे हैं।
इंदौर स्मार्ट सिटी-तय समय सीमा में काम पूरे करने का रिकॉर्ड बनाया। देश में सबसे आगे स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाली इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने बीते पांच सालों में शहर में अलग-अलग 161 प्रोजेक्ट्स शुरू किए । इनमें से 127 प्रोजेक्ट्स को स्मार्ट सिटी कंपनी पूरा कर चुकी है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी-एडीबी एरिया में बीते पांच वर्षों में 21 प्रोजेक्ट में से 15 पूरे हुए हैं। गांधी मार्केट प्रोजेक्ट, सरकारी प्रेस बिल्डिंग और गोरखी आर्ट एंड क्राफ्ट अभी डीपीआर और निविदा प्रक्रिया में है। जून 2023 तक कुछ प्रोजेक्ट के पूरे होने की उम्मीद कम है।
उज्जैन स्मार्ट सिटी-योजना के दूसरे चरण में उज्जैन का चयन हुआ। अभी स्मार्ट रूप नहीं ले सका है। बीते वर्षों में कुछ प्रोजेक्ट्स पूरे हुए, कुछ चल रहे हैं। वहीं कुछ शुरू ही नहीं हो सके हैं। इस दौरान शहर विकास की प्राथमिकताएं बदलने से कुछ प्रोजेक्ट्स प्रस्ताव तक ही सीमित हैं।
जिमेदारों का लॉकडाउन बहाना
प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2016 से 2018 के बीच प्रतिस्पर्धा के आधार पर देशभर के 100 स्मार्ट शहरों का चयन किया गया। इनके लिए अब तक केंद्र सरकार ने 28413 करोड़ रुपए जारी किए हैं। प्रोजेक्ट के जिमेदारों का दावा है कि इस राशि का 83 प्रतिशत यानी 23668 करोड़ रुपए उपयोग कर लिया गया है। जमीनी स्तर पर पिछड़ रहे कामों की हकीकत को लेकर उनका तर्क है कि कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते स्मार्ट सिटी के काम में रुकावटें आईं। इसलिए इसकी अवधि 2023 तक बढ़ा दी गई है।
इंदौर स्मार्ट सिटी-तय समय सीमा में काम पूरे करने का रिकॉर्ड बनाया। देश में सबसे आगे स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाली इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने बीते पांच सालों में शहर में अलग-अलग 161 प्रोजेक्ट्स शुरू किए । इनमें से 127 प्रोजेक्ट्स को स्मार्ट सिटी कंपनी पूरा कर चुकी है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी-एडीबी एरिया में बीते पांच वर्षों में 21 प्रोजेक्ट में से 15 पूरे हुए हैं। गांधी मार्केट प्रोजेक्ट, सरकारी प्रेस बिल्डिंग और गोरखी आर्ट एंड क्राफ्ट अभी डीपीआर और निविदा प्रक्रिया में है। जून 2023 तक कुछ प्रोजेक्ट के पूरे होने की उम्मीद कम है।
उज्जैन स्मार्ट सिटी-योजना के दूसरे चरण में उज्जैन का चयन हुआ। अभी स्मार्ट रूप नहीं ले सका है। बीते वर्षों में कुछ प्रोजेक्ट्स पूरे हुए, कुछ चल रहे हैं। वहीं कुछ शुरू ही नहीं हो सके हैं। इस दौरान शहर विकास की प्राथमिकताएं बदलने से कुछ प्रोजेक्ट्स प्रस्ताव तक ही सीमित हैं।
जिमेदारों का लॉकडाउन बहाना
प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2016 से 2018 के बीच प्रतिस्पर्धा के आधार पर देशभर के 100 स्मार्ट शहरों का चयन किया गया। इनके लिए अब तक केंद्र सरकार ने 28413 करोड़ रुपए जारी किए हैं। प्रोजेक्ट के जिमेदारों का दावा है कि इस राशि का 83 प्रतिशत यानी 23668 करोड़ रुपए उपयोग कर लिया गया है। जमीनी स्तर पर पिछड़ रहे कामों की हकीकत को लेकर उनका तर्क है कि कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते स्मार्ट सिटी के काम में रुकावटें आईं। इसलिए इसकी अवधि 2023 तक बढ़ा दी गई है।
केंद्र से जारी राशि का इस्तेमाल (जनवरी-2022 की स्थिति)
शहर- जारी की राशि- उपयोग की गई
जबलपुर- 392 करोड़- 392 करोड़
भोपाल- 490 करोड़- 490 करोड़
इंदौर- 490 करोड़- 490 करोड़
ग्वालियर- 196 करोड़- 195 करोड़
सागर- 196 करोड़- 163 करोड़
सतना- 196 करोड़- 159 करोड़
उज्जैन- 400 करोड़- 2 करोड़
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स्मार्ट सिटी के कामों की स्थिति (जनवरी-2022 की स्थिति)
स्मार्ट सिटी, डीपीआर की स्थिति-राशि, निविदा की स्थिति-राशि, कार्यआदेश की स्थिति-राशि, कार्यपूर्णता की स्थिति-राशि, कुल परियोजना-राशि
जबलपुर, 01-80 करोड़, 09- 206 करोड़, 63-2613 करोड़, 55-517 करोड़, 128-3418 करोड़
भोपाल, 00-00 , 06-3478 करोड़, 24-760 करोड़, 68-2681 करोड़, 98-6919 करोड़
इंदौर, 00-00 , 22-446 करोड़, 31-3674 करोड़, 224-3438 करोड़, 277-7559 करोड़
ग्वालियर, 06-119 करोड़, 17-808 करोड़, 20-937 करोड़, 38-625 करोड़, 81-2492 करोड़
सतना, 05-267 करोड़, 08-238 करोड़, 31-530 करोड़, 24-346 करोड़, 68-1383 करोड़
सागर, 02-130 करोड़, 32-535 करोड़, 27-1343 करोड़, 29-114 करोड़, 90-2123 करोड़
उज्जैन, 06-52 करोड़, 09-244 करोड़, 37-1043 करोड़, 31-435 करोड़, 83-1776 करोड़
कुल, 20-659 करोड़, 99-5908 करोड़, 237-10949 करोड़, 469-8160 करोड़, 825-25668 करोड़
शहर- जारी की राशि- उपयोग की गई
जबलपुर- 392 करोड़- 392 करोड़
भोपाल- 490 करोड़- 490 करोड़
इंदौर- 490 करोड़- 490 करोड़
ग्वालियर- 196 करोड़- 195 करोड़
सागर- 196 करोड़- 163 करोड़
सतना- 196 करोड़- 159 करोड़
उज्जैन- 400 करोड़- 2 करोड़
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स्मार्ट सिटी के कामों की स्थिति (जनवरी-2022 की स्थिति)
स्मार्ट सिटी, डीपीआर की स्थिति-राशि, निविदा की स्थिति-राशि, कार्यआदेश की स्थिति-राशि, कार्यपूर्णता की स्थिति-राशि, कुल परियोजना-राशि
जबलपुर, 01-80 करोड़, 09- 206 करोड़, 63-2613 करोड़, 55-517 करोड़, 128-3418 करोड़
भोपाल, 00-00 , 06-3478 करोड़, 24-760 करोड़, 68-2681 करोड़, 98-6919 करोड़
इंदौर, 00-00 , 22-446 करोड़, 31-3674 करोड़, 224-3438 करोड़, 277-7559 करोड़
ग्वालियर, 06-119 करोड़, 17-808 करोड़, 20-937 करोड़, 38-625 करोड़, 81-2492 करोड़
सतना, 05-267 करोड़, 08-238 करोड़, 31-530 करोड़, 24-346 करोड़, 68-1383 करोड़
सागर, 02-130 करोड़, 32-535 करोड़, 27-1343 करोड़, 29-114 करोड़, 90-2123 करोड़
उज्जैन, 06-52 करोड़, 09-244 करोड़, 37-1043 करोड़, 31-435 करोड़, 83-1776 करोड़
कुल, 20-659 करोड़, 99-5908 करोड़, 237-10949 करोड़, 469-8160 करोड़, 825-25668 करोड़
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वर्जन
स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट सडक़ निर्माण से लेकर चार मिनी स्पोट्र्स काम्प्लेक्स, स्टेडियम, कन्वेंशन सेंटर, इंटीमेट सेंटर जैसे विकास के काम किए जा रहे हैं। कई बड़े प्रोजेक्ट का काम पूरा होने को है। अक्टूबर 2022 के बाद शहर की तस्वीर बदली नजर आएगी।
निधि सिंह राजपूत, सीईओ, स्मार्ट सिटी जबलपुर
वर्जन
स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट सडक़ निर्माण से लेकर चार मिनी स्पोट्र्स काम्प्लेक्स, स्टेडियम, कन्वेंशन सेंटर, इंटीमेट सेंटर जैसे विकास के काम किए जा रहे हैं। कई बड़े प्रोजेक्ट का काम पूरा होने को है। अक्टूबर 2022 के बाद शहर की तस्वीर बदली नजर आएगी।
निधि सिंह राजपूत, सीईओ, स्मार्ट सिटी जबलपुर