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संस्कारधानी में चार जुलाई को निकलेगी रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ स्वामी की 251वीं रथयात्रा की तैयारियां जोरों पर
250 साल पुराने रथ पर सवार हो नगर भ्रमण पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ
11 संत करेंगे महाआरती, लगाएंगे झाड़ू-
बड़ा फुहारा में रथों पर विराजमान भगवान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। 11 संतों के सान्निध्य में सभी रथों में भगवान की महाआरती होगी। जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर सोने जडि़त प्रतीकात्मक झाड़ू से रथयात्रा मार्ग की सफाई की जाएगी। कार्यक्रम संयोजक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि इस झाड़ू को देखने हजारों भक्तों की भीड़ लग जाती है। भगवान के रथ यात्रा मार्ग को इस तरह से केवल जगन्नाथ पुरी में ही साफ किया जाता है। सोने की झाड़ू की खासितय यही है कि इसे रथ यात्रा के दिन ही उपयोग किया जाता है। बाकी दिनों में इसका कोई उपयोग नहीं करता है।
संस्कारधानी का सबसे प्राचीन जगदीश मंदिर गढ़ा फाटक में है। मंदिर के पुजारी रामानंद त्रिपाठी ने बताया, गोंडवाना कालीन मंदिर 500 साल पुराना है। भगवान जगन्नाथ जिस रथ पर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं, वह भी 250 साल पुराना है। रथ की खराब लकडिय़ों को बदलकर रंगाई-पुताई की जा रही है। जगदीश मंदिर हनुमानताल और घमंडी चौक में भी तैयारियां की जा रही हैं। रथयात्रा में 11 संस्थाओं के रथ और झांकियां शामिल होती हैं।
100 शंखों के शंखनाद से होगा शुभारम्भ-
जगदीश मंदिर गढ़ाफाटक में 4 जुलाई को दोपहर 12 बजे 100 शंखों के शंखनाद से रथयात्रा शुरू होगी। इसमें इस्कान मंदिर के 400 साधक संकीर्तन करेंगे। जगदीश मंदिर हनुमानताल के राजेंद्र सराफ ने बताया, 250 वर्ष पुराने मंदिर में जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर उपासना की जा रही है। अन्य मंदिरों और संस्थाओं की झांकियां बड़ा फुहारा पहुंचेंगी। यहां से मुख्य रथयात्रा शुरू होगी।