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सोने की झाड़ू से साफ होगा भगवान जगन्नाथ के रथ मार्ग का कचरा

locationजबलपुरPublished: Jun 22, 2019 10:38:27 am

Submitted by:

Lalit kostha

भगवान जगन्नाथ स्वामी की 251वीं रथयात्रा
 

sone ki jhadu se safai

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जबलपुर। संस्कारधानी में 251 वर्षों से भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा निकाली जा रही है। इस बार भी चार जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी। सुसज्जित रथ पर विराजमान होकर भगवान नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं तो रथ खींचने और भात का प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। शहर के भगवान जगदीश मंदिरों में रथयात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसमें शामिल होने वाली संस्थाओं के सदस्यों में भी विशेष उत्साह है।

news facts-

संस्कारधानी में चार जुलाई को निकलेगी रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ स्वामी की 251वीं रथयात्रा की तैयारियां जोरों पर
250 साल पुराने रथ पर सवार हो नगर भ्रमण पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ

 

jagannath puri

11 संत करेंगे महाआरती, लगाएंगे झाड़ू-
बड़ा फुहारा में रथों पर विराजमान भगवान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। 11 संतों के सान्निध्य में सभी रथों में भगवान की महाआरती होगी। जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर सोने जडि़त प्रतीकात्मक झाड़ू से रथयात्रा मार्ग की सफाई की जाएगी। कार्यक्रम संयोजक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि इस झाड़ू को देखने हजारों भक्तों की भीड़ लग जाती है। भगवान के रथ यात्रा मार्ग को इस तरह से केवल जगन्नाथ पुरी में ही साफ किया जाता है। सोने की झाड़ू की खासितय यही है कि इसे रथ यात्रा के दिन ही उपयोग किया जाता है। बाकी दिनों में इसका कोई उपयोग नहीं करता है।

 

jagannath puri

संस्कारधानी का सबसे प्राचीन जगदीश मंदिर गढ़ा फाटक में है। मंदिर के पुजारी रामानंद त्रिपाठी ने बताया, गोंडवाना कालीन मंदिर 500 साल पुराना है। भगवान जगन्नाथ जिस रथ पर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं, वह भी 250 साल पुराना है। रथ की खराब लकडिय़ों को बदलकर रंगाई-पुताई की जा रही है। जगदीश मंदिर हनुमानताल और घमंडी चौक में भी तैयारियां की जा रही हैं। रथयात्रा में 11 संस्थाओं के रथ और झांकियां शामिल होती हैं।

100 शंखों के शंखनाद से होगा शुभारम्भ-
जगदीश मंदिर गढ़ाफाटक में 4 जुलाई को दोपहर 12 बजे 100 शंखों के शंखनाद से रथयात्रा शुरू होगी। इसमें इस्कान मंदिर के 400 साधक संकीर्तन करेंगे। जगदीश मंदिर हनुमानताल के राजेंद्र सराफ ने बताया, 250 वर्ष पुराने मंदिर में जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर उपासना की जा रही है। अन्य मंदिरों और संस्थाओं की झांकियां बड़ा फुहारा पहुंचेंगी। यहां से मुख्य रथयात्रा शुरू होगी।

 

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