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लॉ डे पर विशेष : नए कानून से नाबालिगों को राहत, दरिंदों को फांसी की सजा

locationजबलपुरPublished: May 01, 2019 01:52:09 am

Submitted by:

shyam bihari

रेप-छेड़छाड़ के मामलों में आई कमी, जागरुकता बढऩे से हुआ सशक्तिकरण

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जबलपुर। महिलाओं, विशेषत: नाबालिग बच्चियों के लिए पोक्सो एक्ट (बालकों का यौन अपराधों से संरक्षण) में केंद्र सरकार द्वारा 2018 में किए गए संशोधन के बाद से इनके प्रति अपराधों की संख्या में खासी कमी दर्ज की जा रही है। महिला के प्रति अपराधों के मामलों के जानकारों का कहना है कि इस कानून से इस तरह के अपराधों की प्रवृत्ति रखने वाले अपराधियों में दहशत है। आंकड़ें भी इस बात की पुष्टि करते नजर आते हैं।

संशोधन को लागू हुए एक साल
बालकों का यौन अपराधों से संरक्षण (पोक्सो एक्ट) में केंद्र सरकार ने आर्डिनेंस के जरिए 21 अप्रैल 2018 को संशोधन किया। इस संशोधन के बाद नाबालिग से रेप करने पर फांसी का प्रावधान किया गया। संशोधन को लागू हुए एक साल का अरसा हो चुका है। जिस गति से फांसी की सज़ा मिल रही है, उससे प्रतीत होता है कि सज़ा मिलने में तेज़ी आई है।
ऑर्डिनेंस की खास बातें
– रेप की न्यूनतम सज़ा 10 साल
– 16 साल से कम उम्र की बच्ची के रेप पर 20 साल
– 2 साल से कम उम्र की बच्ची के रेप पर 20 साल का कठिन कारावास या मौत की सज़ा
-पुलिस ऑफिसर ने ये किया है तो कम से कम 10 साल की सज़ा
– हर रेप केस की जांच-पड़ताल घटना के तीन महीने के अंदर पूरी हो जाए
-16 साल से कम उम्र की लड़की के रेप पर आरोपी को बेल नहीं मिलेगी। उसे जेल में ही रहकर केस लडऩा होगा
एक साल में 20 फांसी
एक्ट में संशोधन से लेकर अब तक प्रदेश में 20 लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई जा चुकी है। इनमें सागर जिले के ही पांच अपराधी हैं। जबलपुर व कटनी के दो वारदातों के आरोपी भी इस सूची में शुमार हैं।
प्रदेश के दस प्रमुख कांड, जिनमें आरोपियों को फांसी की सजा
1. सागर रेप कांड
नाबालिग के साथ रेप करने और लड़की को जिंदा जलाकर मारने की कोशिश करने वाले 22 वर्षीय सर्वेश सेन को फांसी की सज़ा सुनाई गइ। घटना देवल गांव की थी।
बुरहानपुर रेप कांड
बुरहानपुर में महिला की रेप के बाद हत्या के आरोपी को फांसी की सज़ा सुनाई गई। 38 दिन में ही ये फैसला दे दिया गया।
3. कटनी रेप कांड-
कटनी जिले में ऑटो चालक ने एक 5 साल की बच्ची का रेप किया था। इस मामले में आरोपी राजकुमार को मौत की सज़ा सुनाई गई। इस घटना का जिक्र पीएम मोदी ने भी किया।
4. सागर कांड- सागर जिले में ही हुए रेप कांड का फैसला 46 दिन के अंदर ही आ गया था। खमरिया निवासी भगीरथ उर्फ भग्गी को मौत की सज़ा सुनाई गई।
5. दतिया कांड- दतिया जिला अदालत ने बच्ची के साथ रेप के दोषी को महज 3 दिन की सुनवाई के बाद मौत होने तक कैद की सजा का ऐलान किया ।
6. छतरपुर कांड- मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की स्थानीय अदालत ने एक दो साल की बच्ची के साथ रेप करने वाले आरोपी तौहीद खान को फांसी की सज़ा सुनाई।
7. ग्वालियर कांड- ग्वालियर में भी 6 साल की बच्ची के साथ रेप कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया था। आरोपी जितेंद्र कुशवाह को 27 जुलाई को मौत की सज़ा सुनाई गई।
8. दतिया कांड- 10 वर्षीय बच्चे का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी नंद किशोर गुप्ता को मौत की सज़ा सुनाई गई।
9. रहली कांड- सागर जिले के रहली कांड में 10 वर्षीय लडक़ी के साथ 40 साल के नरेश परिहार ने दुष्कर्म किया। उसे अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई।
10. जबलपुर कांड- ये अपने आप में अलग मामला है, क्योंकि यहां आरोपी राजकुमार कोल को नाबालिग रिश्ते की बहन से दुष्कर्म की कोशिश के मामले में फांसी की सज़ा सुनाई गई।
दो माह में जांच का आदेश
आर्डिनेंस का ही असर है कि बच्चियों के साथ दरिंदगी कर रहे लोगों का फटाफट हिसाब हो रहा है। इस ऑर्डिनेंस में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने वालों को फांसी की सज़ा देने का प्रावधान बनाया गया है। धारा 376 डीबी के तहत ऐसे अपराधों की तफ्तीश 2 महीने के भीतर करने का आदेश है।
यह है स्थिति
2016 में- 38,947 मामले रेप के दर्ज
हर दिन – 107 मामले
2014 – 2016 – पोस्को एक्ट के तहत 1,04,976 मामले दर्ज
गिरफ्तार- सवा लाख लोग
दोषी ठहराए गए — 11266 लोगो
पॉक्सो एक्ट में सजा की दर- 12 फीसदी


फांसी की सजा के प्रावधान के बाद से नाबालिगों से रेप के मामलों में कमी नजर आ रही है। यह संशोधन कारगर साबित हो रहा है।
मनीष दत्त, वरिष्ठ अधिवक्ता

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