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आपको भी कॅरियर का मौका दे सकता है गूगल, वीडियो में देखें आखिर कैसे

locationजबलपुरPublished: Jul 04, 2018 12:34:24 am

Submitted by:

Premshankar Tiwari

गूगल से हर सेकंड में पूछे जाते हैं 40 हजार क्वेश्चन

special tips from Google

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जबलपुर। गूगल अब एक ऐसा नाम हो चुका है, जिसकी पहुंच हर घर के ड्राईंग और बेडरुम तक हो चुकी है। इसके बिना सब कुछ अधूरा लगता है। गूगल भी इस बात को समझ रहा है और वह भारतीय भाषाओं पर लगातार फोकस कर रहा है। हिन्दी में बढ़ते सर्च को देखते हुए उसने अब हिन्दी के प्रमोशन में भी खास रुचि दिखाई है। इसी उद्देश्य से गूगल सर्च इंजन द्वारा इंदौर में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में शहर के वेब मास्टर प्रदीप बानेवार, मयंक दीक्षित, रवि ओसवाल ने भी सहभागिता की। शारदा चौक, वेदी नगर निवासी प्रदीप बानेवार ने अपने अनुभव भी पत्रिका के साथ साझा किए।

हिन्दी पर जोर
वेब मास्टर प्रदीप ने बताया कि गूगल में हिन्दी को सर्च करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि गूगल अब खुद हिन्दी को प्रमोट कर रहा है। प्रदीप के अनुसार इंदौर में आयोजित हुए सम्मेलन में गूगल सर्च इंजन की कार्य विधि एवं हिंदी को प्रमोट करने की जानकारी प्रदान की गई। आंकड़ों के माध्यम से गूगल की उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला गया। सम्मेलन में पूरे प्रदेश से 50 पब्लिशर और वेबमास्टर्स शामिल हुए, जिन्हे हैदराबाद से आए गूगल कंपनी के सदस्यों ने अनेकों रोचक पहलुओं से अवगत कराया।

हर सेकंड में 40 हजार
प्रदीप के अनुसार सम्मेलन में बताया गया कि गूगल से एक सेकंड में 40 हजार यूजन कुछ न कुछ क्वेश्चन पूछते हैं। यानी वे इसमें कुछ न कुछ सर्च करते हैं। यह एक बड़ा और व्यापक दायरा है। खास बात ये है कि इन प्रश्नों का जवाब सर्च करने वालों में भारतीय और हिन्दी भाषियों की संख्या अधिक है। प्रदीप बानेवार ने बताया कि उन्होंने डेढ़ महीने पहले आवेदन किया था। इसमें हिस्सा लेने के लिए देशभर से आवेदन आए थे। जबलपुर के तीन लोगों को उनकी योग्यता को देखते हुए इस सम्मेलन में बुलाया गया। इस सम्मेलन में हिंदी के साथ-साथ रीजनल लैंग्वेज को प्रमोट करने पर चर्चा हुई।

डिजिटल में स्कोप
प्रदीप ने बताया कि डिजिटल में ब्राइट कॅरियर के लिए बेहतर संभावनाएं हैं। इसमें तकनीकी ब्रांचेज के साथ मार्केटिंग फील्ड में भी स्कोप बढ़ा है। इसकी गति को देखते हुए लग रहा है कि आने वाला वक्त इसी का है। युवा चाहें तो समय पर विधिवत ट्रेनिंग लेकर इसका लाभ ले सकते हैं। प्रदीप ने एमबीए तक शिक्षित हैं। वे युवाओं को गूगल में बढ़ रहे कॅरियर की संभावनाओं से अवगत भी करा रहे हैं।