सूपापाल के सौंदर्यीकरण में दाग, डूब गई बच्चों की नाव
जबलपुरPublished: Oct 23, 2021 10:44:52 pm
प्रशासन की निगरानी नहीं होने से मिट रही सुविधाएं, जमने लगी सिल्ट
प्रशासन की निगरानी नहीं होने से मिट रही सुविधाएं, जमने लगी सिल्ट
जबलपुर. मदनमहल पहाड़ी के किनारे सूपाताल के सौंदर्यीकरण में ‘निगरानी की कमी का दाग’ दिखाई देने लगा है। इस तालाब में उतारी गई बच्चों के मनोरंजन के तहत पैडल बोट पानी में डूबने की कगार पर है। तालाब के किनारे जुटाई गई सुविधाएं दम तोड़ रही हैं। आलम यह हो गया है कि यहां पानी में सिल्ट जम रही है, जिससे यहां जंगली जलीय पौधे उग रहे हैं। इनसे किनारों को खतरा पैदा हो गया है।
मेडिकल मार्ग पर शारदा मंदिर चौक और पुरवा के बीच में सूपाताल है। इस तालाब का पुराना एहतिहासिक महत्व है। तालाब में पहाड़ी की ओर पुराने मंदिर बने हुए हैं। तालाब का सौंदर्यीकरण भी किया गया है। सौंदर्यीकरण के तहत तालाब को चारों ओर से पक्का किया गया है। तालाब में मिलने वाले आउटलेट को बंद किया गया है। तालाब के चारों ओर पाथवे बनाया गया है। तालाब में रात के समय चलने वाले फाउंटेन लगाए हैं। लोगों के मनोरंजन के लिए पैडल बोट आदि भी पानी में उतारे गए थे। तालाब के किनारे एक रेस्टॉरेंट भी बनाया गया है।
फेंका जा रहा है कचरा
तालाब में कचरा फेंका जा रहा है। यह कचरा पानी के साथ किनारे लग तो जाता है लेकिन इसके लगातार पड़े रहने से यह सिल्ट में तब्दील हो जाता है। जानकार कहते हैं कि तालाब में कहीं न कहीं से कचरा फेंक दिया जाता है। कई बार लोगों को मना किया गया है लेकिन विवाद होने की स्थिति में मामला शांत हो गया।
सडक़ की ओर तालाब में सिल्ट
कचरा फेंकने की वजह से तालाब में सबसे ज्यादा सडक़ की ओर सिल्ट जम रही है। तालाब के दो घाटों पर लोगों की निगरानी होने की वजह से यहां लोग कचरा आदि नहीं फेंक पा रहे हैं, जिससे यहां सिल्ट नहीं है। अन्य जगहों पर सिल्ट जम रही है, जिससे यहां जलीय पौधे उग रहे हैं। स्थिति यह हो गई है कि ये पौधे तालाब के किनारों पर चढ़ गए हैं। इससे तालाब के किनारों पर लगे पत्थरों के खिसकने का खतरा बना हुआ है।
नहीं होती है सफाई
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यहां पाथवे सहित तालाब के पानी में सफाई नहीं की जाती है। इससे यहां चारों ओर कचरा फैल रहा है। स्थिति यह हो गई है कि तालाब में प्रवेश द्वार के दोनों ओर कचरा फैला हुआ है। इस जगह से पाथवे तक लोग पहुंच रहे हैं। तालाब के पानी से कचरे की वजह से दुर्गंध आने लगी है।
उग गई वन सिंघाड़ी
तालाब में सफाई नहीं होने से किनारों पर वनसिंघाड़ी पैदा हो रही है। जलीय खरपतवार की श्रेणी में आने वाली वनसिंघाड़ी से तालाब में सिल्ट होने की आशंका बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वन सिंघाड़ी नहीं हटाने से तालाब का पानी खराब हो सकता है। इससे यहां मछली की पैदावार भी प्रभावित हो सकती है।