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गायों की बेहतरीन नस्लों के साथ भैंसों की भी होगी खोज, मिलेगा इनाम

locationजबलपुरPublished: Jan 05, 2019 01:26:20 am

Submitted by:

reetesh pyasi

गायों की बेहतरीन नस्लों के साथ भैंसों की भी होगी खोज

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जबलपुर। दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ ही पशु पालकों को देशी नस्ल की गाय-भैसों के पालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिले में बेस्ट काऊ और बेस्ट बफैलो की खोज की जएगी। इसके तहत पशु चिकित्सा विभाग प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगा। सबसे अधिक दूध देने वाले पशुओं के पालकों पर धनवर्षा भी होगी। अभी तक इन प्रतियोगिताओं में गायों को ही शामिल किया जाता था, अब देशी भैंस को भी शामिल किया गया है। इसके लिए विकासखंड, जिला और राज्यस्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

6 जनवरी से 8 जनवरी तक प्रतियोगिता
सूत्रों के अनुसार देशी गाय और भैसों का दूध विदेशी ब्रीड के पशुओं की अपेक्षा ज्यादा ताकतवर होता है। देशी पशु भारतीय मौसम के अनुकूल ढल जाते हैं। पशु पालकों को देशी गायों और भैसों के पालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गोपाल योजना शुरू की गई है, ताकि देशी गाय-भैंसों की बेहतरीन नस्ल को आइडेंटीफाइ कर उनकी संख्या बढ़ाई जा सके। योजना प्रभारी डॉ. नीता मनोचा ने बताया, विकासखंड स्तर पर मझौली के मुरैठ में 6 जनवरी से 8 जनवरी तक प्रतियोगिता होगी। विकासखंडों के बाद जिला स्तर पर प्रतियोगिता होगी। पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण प्रतियोगिता के लिए देशी गाय का दूध उत्पादन 4 लीटर प्रतिदिन और भैंस का 6 लीटर प्रतिदिन होना अनिवार्य किया गया है।

गाय-भैंस की देशी नस्ल
साहीवाल, रेड सिंधी, गिर, थारपारकर, मालवी, पवार, हरियाणा, भंगनाड़ी, दज्जाल, नागौरी, मुर्रा, सुरती, नीली रावी।

पुरस्कार राशि
विकासखंड स्तर पर 5 से 10 हजार रुपए
जिला स्तर पर 15 से 50 हजार रुपए
राज्य स्तर पर 50 हजार से दो लाख रुपए
14 सांत्वना पुरस्कार पांच हजार रुपए के

दूध का उत्पादन बढ़ाने और देशी नस्ल की बेहतरीन किस्मों को संरक्षित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। जिला स्तर पर चिह्नित करने के बाद राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए दावेदारी भेजी जाएगी।
डॉ. एपी गौतम, उप संचालक, पशु ुचिकित्सा सेवाएं
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