आय के संसाधन बढ़ाने पर जोर
सूत्रों ने बताया कि सत्यापन का एक मकसद यह भी है कि इससे राज्य कर विभाग को जिले के सभी सर्किल्स में डीलर्स की वास्तविक संख्या भी पता चल सकेगी। वह वास्तव में काम कर रहे हैं या बोगस कंपनी के रूप में संचालित हैं। ऐसे संदेही डीलर्स की एक सूची भी तैयार की गई है। उनका भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जिले के चार सर्किल के अधिकारी इस काम को अंजाम दे रहे हैं। इसका एक मकसद टैक्स के रूप में आर्थिक िस्थति को सुधारना भी है।
रिटर्न जमा की अब स्क्रूटनी
इसी प्रकार मुख्यालय से आदेश के बाद जीएसटी की रिटर्न की स्कू्टनी का काम तेज हो गया है। ज्ञात हो कि जीएसटी की रिटर्न व्यापारी खुद या अपने सीए तथा एडवोकेट के जरिए जमा करवाते हैं। कई बार इसमें त्रुटि रह जाती है। या शासन को टैक्स चाहिए होता है, वह नहीं मिल पाता। वहीं ऑनलाइन और रिटर्न में दिया गया आंकड़े का मिलान नहीं होता है। इस प्रक्रिया में यदि कोई गड़बड़ी समझ आती है तो विभाग संबंधित फर्म को नोटिस देकर जानकारी मांगता है। वहीं टैक्स के रूप में जो देनदारी निकलती है उसे जमा कराया जाता है। फिलहाल बडे़ कारोबारियों के रिटर्न की स्कूटनी का काम चल रहा है।

जीएसटी का रजिस्ट्रेशन ले चुकी उन फर्मों का सत्यापन किया जा रहा है जो कि डाउटफुल हैं। इसी प्रकार शासन के आदेश पर रिटर्न की स्क्रूटनी की जा रही है। जहां कोई गड़बड़ी समझ आती है, उसमें सुधार के लिए संबंधित फर्म को सूचित भी किया जा रहा है।
नारायण मिश्रा, संयुक्त आयुक्त राज्य कर