स्टेट नीट काउंसिलिंग के पहले दौर की प्रक्रिया में ज्यादातर छात्र-छात्राओं ने प्रवेश के लिए सरकारी आयुष कॉलेजों को वरीयता दी है। निजी कॉलेजों की 70 फीसदी से ज्यादा सीटें पहले दौर में आवंटित नहीं हुई हैं। प्रवेश प्रक्रिया अचानक रोके जाने से निजी कॉलेज संचालक परेशान हैं। शहर में चार आयुष कॉलेज हैं। ग्वारीघाट स्थित शासकीय आयुर्वेद कॉलेज में पहले दौर में 50 फीसदी से ज्यादा सीटें आवंटित हुई हैं, लेकिन निजी कॉलेजों में इक्का-दुक्का सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं।
डॉ. राकेश पांडे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन