23 से 28 सितम्बर तक प्रस्तावित वकीलों की प्रदेशव्यापी हड़ताल रद्द
जबलपुरPublished: Sep 17, 2019 09:01:39 pm
स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन ने हड़ताल का प्रस्ताव लिया वापस
More than 85 thousand lawyers did not work for advocate protection act
जबलपुर. 23 से 28 सितंबर तक प्रस्तावित वकीलों की प्रदेशव्यापी हड़ताल रद्द कर दी गई है। प्रदेश के वकीलों की नियामक संस्था मप्र स्टेट बार काउंसिल ने वकीलों से इस दौरान अदालतों में पैरवी न करने का आह्वान कि या था। मंगलवार को काउंसिल के चेयरमैन शिवेंद्र उपाध्याय ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कतिपय लोगों की ओर से इस आह्वान को लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। इस अंतर्विरोध को देखते हुए फैसला वापस लिया गया। काउंसिल सचिव प्रशांत दुबे ने सूचना भेजकर काउंसिल के सदस्यों को इसकी जानकारी दी। चेयरमैन उपाध्याय का कहना है कि मप्र हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस सहित 23 जजों के रिक्त पदों में से 17 पदों पर नियुक्तियां होनी थीं। एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट का मामला भी पिछली सरकार से बिल पारित होने के बावजूद अधर में अटका है। नई सरकार ने भी अपने चुनावी वादे में इसे शामिल किया था। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए काउंसिल ने संघर्ष का फैसला लेकर वकीलों को न्यायिक कार्य से विरत रहने के लिए आहूत किया था। उपाध्याय ने कहा कि कतिपय लोग बार काउंसिल के आसन्न चुनाव को देखते हुए इसे राजनीतिक रंग देने की साजिश रच रहे हैं। भ्रम की इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने प्रस्ताव वापस लेने का फैसला किया।
इधर-हाईकोर्ट में याचिका दायर
अधिवक्ता मृगेंद्र नारायण सिंह ने बार काउंसिल के उक्त आह्वान को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में इसके खिलाफ मंगलवार को याचिका दायर की। लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो सकी।