दिहाड़ी मजदूर मधुसूदन सिंह, संजीव माझी, नमन माझी, राहुल कुमार और अरविंद साहनी ने बताया कि वे बिहार के सिवाहरा के रहने वाले हैं। लॉकडाउन के पहले ठेकेदार एक कट्टी चावल, एक कट्टी दाल और आटा देकर चला गया था। 14 लोगों के बीच यह राशन सिर्फ कुछ दिन ही चला। इसके बाद ठेकेदार को फोन लगाया, लेकिन ठेकेदार लॉकडाउन में फंसे होने का बहाना बना रहा है।
जुनवानी गांव के लोगों ने की मदद
मजदूरों के यहां फंसे होने की जानकारी लगने पर गुरुवार को जुनवानी गांव के सुरेंद्र पटेल, ओमप्रकाश पटेल चावल, गेहूं, दाल और मसाला लेेकर पहुंचे। उन्होंने मजदूरों को राशन सौंपते हुए प्रशासन से भी सहायता की मांग की है।