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International Nurses Day 2021: कोरोना काल में मरीजों के लिए मसीहा बनीं नर्सों को सलाम

locationजबलपुरPublished: May 12, 2021 12:43:38 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-हजारों, लाखों मरीजों की सेवा कर उन्हें स्वस्थ किया-मानवता की पुजारी बन कर आई हैं सामने

International Nurses Day 2021

International Nurses Day 2021

जबलपुर. International Nurses Day 2021: ये नर्सें ही हैं जिनकी मानवीयता ने आज लाखों लोगों को जीवनदान दिया है। घर से दूर, अपनों से दूर, हफ्तों-हफ्तों छोटे-छोटे बच्चों से भी दूर रह कर ये इंसानियत की सेवा करने में दिल-ओ-जान से जुटी हैं। कोरोना काल में जब उनके अपने ही मरीजों के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे, इन प्रतिकूल परिस्थितियो में भी ये उनका अपनों से ज्यादा खयाल रख रही हैं। इन्हें एक सलाम तो बनता ही है।
कोरोना काल में इन नर्सों को चिकित्सा सेवा की रीढ़ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ऐसे कई प्रकरण हैं जिनमें कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के दौरान वो खुद संक्रमित हो गईँ, पर जब वो स्वस्थ हुईं तो पुनः ड्यूटी ज्वाइन कर सेवा में जुट गईं। नर्स कहें या सिस्टर इनकी जितनी जिम्मेदारी अपनी ड्यूटी को लेकर है उतनी ही जिम्मेदारी अपने परिवार के प्रति भी है। इनके घर में भी छोटे बच्चे हैं, बुजुर्ग हैं, उनका भी ये पूरे संयम के साथ खयाल रख रही हैं।
मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स और इंचार्ज एस ईसादीन को ही लें, उनका कहना है कि कोरोना की इस दूसरी लहर के दौरान उन्होंने 7 दिन की ड्यूटी की फिर होम आइसोलेशन में रहीं। इनका 12 साल का बेटा है, बुजुर्ग सास और पति हैं, इन सब को संक्रमण न हो इसका पूरा खयाल रखा। ईसादीन कहती हैं कि वह इंचार्ज हैं ऐसे में अगर वही कोरोना डयूटी नहीं करेंगी, तो अपनी टीम को प्रोत्साहित कैसे कर पाएंगी। वह कहती हैं उन्हें कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करके उन्हें बहुत सुकून मिलता है। हालांकि इस संकट काल में मरीजों की सेवा के साथ-साथ अपने परिवार के प्रति भी बड़ी जिम्मेदारी है। उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना होता है। बताती हैं कि इन दिनों घर से बिना हेल्दी डाइट लिए नहीं निकलती, जबकि पहले सिर्फ चाय पीकर भी ड्यूटी पर आ जाती थीं। डइट के अलावा हाइजीन का भी पूरा ध्यान रखते हैं और दिन में दो से तीन बार नहाते हैं। भाप ले रहे हैं। गर्म पानी पीते हैं। योग और प्राणायाम नियमित रूप से कर रहे हैं। काढ़ा भी पीते हैं, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
स्टॉफ नर्स विनीता गुप्ता का कहना है कि उनका एक छोटा बच्चा है,पति हैं, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है। ऐसे में अपना ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। कहा कि खुद को विसंक्रमित रखते हुए ही परिवार और मरीजों की सेवा की जा सकती है। बताती हैं कि हाल ही में कोरोना कोविड ड्यूटी की है उस दौरान खुद को आइसोलेशन में रखकर स्वस्थ रखा।
स्टॉफ नर्स कविता गौतम के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। वह कहती हैं कि कोरोना ड्यूटी के वक्त बच्चों की सबसे ज्यादा फिक्र रहती है। एक मां के लिए बच्चों की सुरक्षा से बढ़कर और कुछ हो नहीं सकता, फिर चाहे उसके लिए हमें उस दिन बच्चों से दूर ही क्यों न रहना पड़े।
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