किसानों का आरोप है कि विपणन संघ के गोदाम से व्यापारियों को सेटिंग के तहत यूरिया दे दी जाती है। दूसरी तरफ जब किसान प्रति एकड़ तीन बोरी यूरिया की मांग करता है तो उसे सिर्फ एक बोरी यूरिया थमा आकर रवाना कर दिया जा रहा है।
ब्लैक में खरीदनी पड़ रही यूरिया
विपणन संघ के गोदाम में यूरिया लेने आए किसान मुन्नू सेन, रतन पटेल, अनिल कोरी, गोलू रजक, बीरन लाल, कोदुलाल, कड़ोरी लाल, जगन्नाथ पटेल, सुदर्शन ने बताया कि उन्हें डबल लॉक में सिर्फ एक बोरी यूरिया मिलने से मजबूरी में ब्लैक में 267 रुपए की यूरिया की बोरी 340 रुपए में बाहर से खरीदनी पड़ी। किसानों का आरोप था कि विपणन संघ के गोदाम से यूरिया व्यापारियों को स्टॉक आते ही बेच दी जाती है और कृत्रिम अभाव बताकर किसानों को प्रति एकड़ सिर्फ एक बोरी यूरिया थमा दी जा रही है।
किसी भी समिति में नहीं है यूरिया
जानकारी के मुताबिक सिहोरा-मझौली तहसील की 22 समितियों में कहीं भी यूरिया का स्टॉक नहीं है। समितियों में यूरिया उपलब्ध कराने का काम विपणन संघ का होता है। लेकिन, स्टॉक कम होने की बात कहकर किसी भी समिति में यूरिया भेजी नहीं गई।