आदालत के निर्देश पर कापियां जांची
जानकारी के अनुसार सागर के एक स्टूडेंट को कक्षा 12 वीं में आंकलन के अनुसार नंबर नहीं मिले, तो उसने हाइकोर्ट की शरण ली, आदालत के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कापियां जांची, जिसके बाद विद्यार्थी के 28 अंक बढ़े, इसके बाद बोर्ड ने उसे नई अंकसूची प्रदान की, लेकिन इसके लिए विद्यार्थी को करीब तीन साल इंतजार करना पड़ा।
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2018 में दायर की थी याचिका
विद्यार्थी शांतनु शुक्ला ने वर्ष 2018 में याचिका दायर की थी, अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने कोर्ट को बताया कि शांतनु ने 2018 में एमपी बोर्ड से 12 वीं की परीक्षा 74.8 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी, जबकि उसे उम्मीद थी कि उसके अंक 75 से 80 प्रतिशत के बीच आएंगे, 1 नंबर कम आने से विद्यार्थी के ओवरऑल 75 प्रतिशत अंक भी नहीं आए, इससे वह मुख्यमंत्री मेधावी योजना से वंचित रह गया, इसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोविड 19 के चलते सुनवाई में देर होती चली गई, जिसका कोर्ट ने अब फैसला दिए है।