जबलपुरPublished: Nov 28, 2019 07:03:33 pm
shyam bihari
छह दिन पहले हॉस्टल से हुई थी थी
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जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के हॉस्टल से लापता छात्रा आखिरकार जिंदा नहीं मिली। मिला तो उसका शव। भेड़ाघाट के पास स्वर्गद्वारी में उसका शव मिला, तो कई सवाल एक साथ खड़े होग। पुलिस अब लाख तर्क रखे, लेकिन यह तय है कि जांच प्रक्रिया बेहद सुस्त थी। यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस ने इसे कानूनी रूप से गम्भीरता से लिया ही नहीं। वह तो पहले ही दिन से कहने लगी थी कि मामला प्रेम प्रसंग का है। छात्रा अपनी मर्जी से गई है। छात्रा ने आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई, यह तो जाने कब पता चलेगा, लेकिन एक छात्रा के दुखद अंत से विवि का माहौल गमगीन है।
बालाघाट निवासी गरिमा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में एमएससी फस्र्ट इयर की छात्रा थी। उसकी सहेलियों के मुताबिक वह बहुत सारे सपने लेकर यहां आई थी। हॉस्टल में रहती थी। अन्य सहपाठियों की तरह वह भी विवि की शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा लेती थी। कुछ असामान्य तो उसकी दिनचर्या में नजर नहीं आता था। फिर अचानक 22 नवम्बर 2019 को वह किसी को कुछ बताए बिना हॉस्टल से कहीं चली गई। एक-दो दिन बाद यह खबर सरेआम हो गई। पुलिस तक मामला पहुंचा। कहा जाने लगा कि शायद मामला अपहरण का है। लेकिन, पुलिस की अपनी ही चाल थी। उसका कहना था कि मामला प्रेमप्रसंग का है। छात्रा को आखिरी बार भेड़ाघाट में देखा गया। उसके मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन भी भेड़ाघाट मिली थी। पुलिस महज हॉस्टल में कुछ पूछताछ और मोबाइल सर्विलांस के भरोसे बैठी थी। फिर वही, जो अक्सर होता है। भेड़ाघाट से कूदने वाले अक्सर स्वर्गद्वारी में मृत मिलते हैं। छात्रा भी वहीं मिली। स्थानीय लोगों को स्वर्गद्वारी के पास नदी में एक शव के उतराते होने की सूचना दी।
गरिमा बिना किसी को बताए निकली थी, इसलिए किसी का उसकी तरफ ध्यान नहीं था। शाम को गिनती के दौरान पता चला कि वह नहीं है। बालाघाट से यूजी करने के बाद वह पीजी की पढ़ाई के लिए इसी साल विवि में प्रवेश लिया था।
पुलिस को छानबीन में पता चला था कि 22 नवम्बर को छात्रा ऑटो से भेड़ाघाट गई थी। इस दौरान उसने फोन पर परिजनों से बातचीत की थी। पुलिस ने संदेह के आधार पर भेड़ाघाट में नर्मदा तट पर दुकान लगाने वाले और मछुआरों से पूछताछ करके जानकारी ली थी। लेकिन छात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से मामला संदिग्ध हो गया था।