स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था की जांच करने पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी उस दौरान हैरान रह गए जब शासकीय माध्यिमक शाला बरगी हिल्स संकुल उमावि मेडिकल में अव्यवस्थाएं मिली तो वहीं छात्रों ने बताया कि शिक्षक कभी भी समय पर नहीं आते और स्कूल बंद होने के पहले चले जाते हैं। शिक्षकों के द्वारा पढ़ाई भी नहीं कराई जाती है। यह बात सुनकर जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा नाराज हो गए। उन्हेंने सख्त नाराजगी जाहिर की। प्रधानाध्यापिका सीमा जैन, मध्यमिक शिक्षक सपना खरोट को शोकॉज नोटिस जारी किया गया। डीईओ द्वारा दिए गए नोटिस में कहा गया है कि आपका उक्त कृत्य पदीय दायित्वों के विपरीत होकर स्वेच्छाचारिता करना, मनमाने ढंग से कार्य करना गंभीर अनुशासनहीनता की परिधि के अन्तर्गत आते हैं। एक शासकीय सेवक के इस प्रकार का कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 के उपनियमों का उल्लंघन है। अत: क्यों न आपके विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के उप नियमों के तहत सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही जावे। नोटिस प्राप्त होने के तीन दिवस के अन्दर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।
यहां 7 शिक्षकों को थमाए नोटिस
इसी तरह शासकीय एकीकृत हाईस्कूल घंसौर में भी जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा को अराजक स्थिति देखने को मिली। शिक्षक बिना सूचना के स्कूल से नदारद थे तो वहीं छात्र यहां वहां घूम रहे थे। छात्रों का शैक्षणिक स्तर न्यूतम पाया गया। शिक्षक सुबह 11.20 बजे तक शिक्षक स्कूल में नहीं पहुंचे थे। जबकि 10.30 बजे के पहले स्कूलों में उपस्थित होना था। शिक्षक रागनी श्रीवास्तव माध्यमिक शिक्षक, ममता पटैल माध्यमिक शिक्षक, ज्योति राय, सीमा चौधरी, सुषमा कोरी, पुष्पा दुबे सहायक शिक्षक, आशीष यादव प्राथमिक शिक्षकों को लापरवाही के लिए नोटिस दिया गया है।
-शिक्षकों और प्राचार्यों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे समय से पहले स्कूल में उपस्थित हों। साथ ही कक्षाएं लगाएं। लेकिन इसके बाद भी गंभीरता नहीं बरती जा रही है। इनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जा रही है।
-सुनील नेमा, जिला शिक्षा अधिकारी