– इंटरनल अंकों की पोर्टल पर प्रविष्टि नहीं
– प्रैक्टिकल परीक्षा अंक दर्ज नहीं होना
– लिंक खुले रहने तक पोर्टल में एंट्री न करना
– विद्यार्थियों के नाम की स्पेलिंग में गड़बड़ी
– गलत नामांकन/अनुक्रमांक दर्ज करना
– पोर्टल बंद होने के बाद एंट्री करना।
(नोट : कॉलेज की ओर से पोर्टल पर दर्ज की जाने वाली जानकारियांं)
जबलपुर। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों की लापरवाही से करीब दो हजार छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम अटक गए हैं। पोर्टल पर इंटरनल परीक्षा के अंकों सहित छात्र-छात्राओं की जानकारी दर्ज करने में हुई चूक से विद्यार्थी उलझ गए हैं। परीक्षा परिणाम की घोषणा के बाद इन विद्यार्थियों के रिजल्ट विथेल्ड कर दिए गए। अपनी गलती छिपाने के लिए कॉलेज, छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय भेज रहे है। छात्र-छात्राओं की लगातार बढ़ती संख्या से परेशान होकर विवि ने अब ऐसे विद्यार्थियों की सूची तैयार कर सार्वजनिक कर दिया है। छात्रों को कॉलेज से आवश्यक जानकारी पोर्टल पर एंट्री कराने के लिए दस दिन का समय दिया गया है।
चेतावनी के बाद भी लापरवाही
विवि प्रशासन ने छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणामों की शीघ्र घोषणा के लिए परिणाम सम्बंधी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दिया है। इस सत्र से शुरू हुई व्यवस्था को लेकर विवि प्रशासन ने कॉलेजों को कई बार जानकारी दी। पोर्टल में गलत एंट्री से विद्यार्थी का नतीजा रुकने की चेतावनी भी दी गई। इसके बावजूद कॉलेजों ने विद्यार्थियों की जानकारी और नंबर दर्ज करने में गलती की। तीन संकायों में परीक्षा परिणाम रोकने के प्रकरण ज्यादा मिले हैं। सूत्रों के अनुसार प्राइवेट कॉलेज में जमकर लापरवाही हुई है। इसमें नर्सिंग, पैरामेडिकल और डेंटल कॉलेज शामिल है। विवि की ओर से विथेल्ड छात्र-छात्राओं की सूची में सबसे ज्यादा छात्र इन तीन संकायों के हैं। रोके गए परीक्षा परिणाम विवि की नवंबर, 2018 से मार्च, 2019 के बीच आयोजित परीक्षा के हैं।
मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. विशाल भार्गव ने बताया कि छात्र-छात्राओं के इंटरनल और प्रैक्टिकल परीक्षा के प्राप्तांक सहित कुछ अन्य जानकारियों को कॉलेजों ने पोर्टल में तय समय पर दर्ज नहीं किया। इन कमियों को दूर करने के लिए 16 दिसंबर तक का समय दिया गया है। कॉलेज पोर्टल पर संबंधित विद्यार्थी की जानकारी दर्ज करें, जिससे परिणाम जारी किए जा सकें।
इन परीक्षाओं के छात्र प्रभावित : बीएएमएस, बीएचएमएस, एमबीबीएस, बीडीएस, बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएएससी, एमएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल डिप्लोमा, बीपीटी, बीएमएलटी, बीएक्सआरटी।