तेज बारिश के बाद भी छात्राएं हाथों में तख्तियां थामें सडक़ किनारे खड़ी थी। उन्हें पता था कि मुख्यमंत्री इसी सडक़ से गुजरने वाले है। छात्राएं पानी में भींग चुकी थी। उनके आंखों में चमक थी कि मुख्यमंत्री उन्हें देखकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे। सीएम का काफिला उनके सामने से निकला। लेकिन न तो कार रुकी न ही छात्रों की तरफ निगाहें फेरी। पशु चिकित्सक छात्र-छात्राओं की आंखे नम और उदास हो गए। कुछ एेसा ही वाक्या वेटरनरी महाविद्यालय के छात्रों के सामने आया। शहर प्रवास पर आए मुख्यमंत्री से जब उन्हें मिलने नहीं दिया गया तो छात्र-छात्राओं ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी ओर ध्यान आकर्षट कराने का निर्णय लिया।
8 दिनों से हड़ताल पर
पिछलेआठ दिनों से वेटरनरी के छात्र-छात्राएं धरना, अनशन पर बैठे हैं। शहर में दो-दो मंत्रियों से मुलाकात करने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई सार्थक निर्णय नहीं लिया जा रहा है। जिसके चलते छात्र अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। लगातार उनकी हड़ताल पर रहने के कारण छात्र-छात्राओं की हालत गिरती जा रही है। अभी तक छह छात्राएं विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती हो चुकी हैं।
छात्रों में मायूसी, बढ़ी नाराजगी
भूख हड़ताल पर बैठे छात्र डॉ.आशुतोष पाठक, डॉ.प्रियंका पाल, डॉ.सौरव साहू, डॉ. गोविंद चौधरी आदि ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलने की काफी कोशिश की गई लेकिन उनकी मुलाकात नहीं कराई गई। जब छात्रों ने सीएम के काफिले के सामने शांतिपूर्वक सडक़ पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया तो प्रशास एवं पुलिस द्वारा दबाव बनाकर हटाने का प्रयास किया गया। सामने से सीएम का काफिला निकल गया लेकिन उन्होंने उन्होंने तवोज्जो नहीं दी।