इस जगह पर ईडब्ल्यूएस मकान तैयार होंगे। वर्तमान में इस भूमि का उपयोग कृषि है। इस पर माफिया ने कब्जा कर लिया था। इसमें गरीब वर्ग के लिए आवास बनाए जाएंगे। यहां वे सारी सुविधाएं देने का प्रावधान है जो कि किसी आधुनिक कॉलोनी में रहने वाले लोगों को मिलती हैं। इस काम पर 37 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। दो हिस्सों में बंटी है जमीन जिस जमीन को इस योजना के लिए चिन्हित किया गया है, वह दो हिस्सों में बंटी हैं। इसमें जी प्लस टू आवासों का निर्माण किया जाएगा।
सुविधाएं विकसित की जाएंगी
इसमें 12-12 भवनों के 16 टॉवर बनेंगे। प्रस्तावित कॉलोनी मुख्य मार्ग से लगी हुई है। इसके आसपास विद्युत लाइन के अलावा नगर निगम की पानी की पाइपलाइन है। इससे पानी मिलना आसान होगा। स्मार्ट सिटी के तहत क्षेत्र में सीवर लाइन का काम भी चल रहा है। इसके अलावा यहां पर कम्युनिटी हॉल, पार्क और पहुंच मार्ग जैसे सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
दो जमीनों को बेचकर मिलेगी
राशि इस योजना के तहत जो मकान बनेंगे, उसके लिए शासन अलग से राशि जारी नहीं करेगा। माफियाओं से मुक्त कराई गई दूसरी जमीनों को बेचकर राशि जुटाई जाएगी। इसके लिए ग्राम महाराजपुर की 1.72 हेक्टेयर और ग्राम करमेता की 0.809 हेक्टेयर भूमि का कुछ हिस्सा बेचा जाएगा। इस बीच दोनों कामों के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर कर दिए गए हैं।
सु-राज योजना के अंतर्गत ग्राम गौरयाघाट की जमीन चिन्हित की गई है। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मकान तैयार होंगे। इसी प्रकार महाराजपुर और करमेता की जमीनों को बेचकर उससे राशि जुटाई जाएगी। टीएस तिर्की , कार्यपालन यंत्री, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल