नाकामी छुपाने पुलिस, पूरे शहर को डाल देती है मुसीबत में…पढ़े यहाँ की पुलिस का यह कारनामा
जबलपुरPublished: May 04, 2019 08:10:13 pm
कोसता है हर एक पर क्यों, जानने के लिए पढ़ें खबर
जबलपुर, पुलिस…यह शब्द जब भी किसी के जहन में आता है, तो भ्रष्ट और मनमानी की तस्वीर सामने आ जाती है। आए भी क्यों न। कई मोर्चों पर नाकाम रहने वाली पुलिस की हम आपको एक एेसी तस्वीर बताने वाले हैं, जो आपसे तो जुड़ी ही है, हर एक उस व्यक्ति को भी पता होनी चाहिए, जो सड़क पर कभी परिवार के साथ तो कभी दोस्तों के साथ और कभी अकेले निकलता है। जबलपुर के आलम तो यह है कि यहां ऑटो स्टेण्ड तो हैं, लेकिन ऑटो सड़क पर पार्क होते हैं, ट्रैफिक पुलिस की इससे बड़ी नाकामी आखिर क्या होगी कि भारी भरकम अमला होने के बावजूद शहर के लोगों को रोजाना बेतरतीब ट्रैफिक का दंश झेलना पड़ता है।
जबलपुर…एक एेसा शहर है, जहां हाईकोर्ट ने कई बार ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ और नगर निगम को फटकारा। ऑटो चालकों की मानमानी और धमाचौकड़ी रोकने के सख्त आदेश दिए, लेकिन सरकारी महकमा केवल खानापूर्ति में जुटा है।
ट्रैफिक पुलिस के कहने पर नगर निगम ने शहर में ऑटो स्टेण्ड बनाने तो शुरू कर दिए, लेकिन इन स्टेण्डों में ऑटो खड़ा करवा पाने में ट्रैफिक पुलिस नाकाम साबित हो रही है। यही कारण है कि स्टेण्ड बन जाने के बावजूद ऑटो सड़क पर खड़े हो रहे हैं, जिस कारण ट्रैफिक तो जाम हो ही रहा है साथ ही आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि स्टेण्ड बनने के बाद ऑटो को इन पर खड़ा कराने की जिम्मेदारी से बचते हुए नगर निगम प्रशासन ने इसे ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी कह डाला।
केस:- ०१
स्थान:- नौदरा ब्रिज के आगे
दृश्य:- यहां ऑटो स्टेण्ड बनाया गया है। बकायदा स्टेण्ड का बोर्ड भी लगा है, लेकिन यहां सुबह से शाम तक में एकाध ऑटो ही आकर खड़े होते है। बाकी समय यह स्टेण्ड प्रायवेट वाहनों के पार्क होने की जगह बनकर रह गया है।
केस:- ०२
स्थान:- रानीताल भाजपा कार्यालय के पास
दृश्य:- यहां ऑटो स्टेण्ड बनाया गया है, यह स्टेण्ड सड़क से काफी दूर हटकर बनाया गया है। इसके सामने सुबह से शाम तक सैकड़ो ऑटो खड़े होते हैं, लेकिन कोई भी ऑटो ऑटो स्टेण्ड में खड़ा नहीं होता। आलम यह है कि शाम के वक्त वहां ठेले लग जाते हैं।
फंस जाती है मेट्रो बसें
शहर में जहां तहां ऑटो चालकों की मानमानी और सड़क पर ऑटो खड़ा कर यात्रियों को बैठाने की आदत जाम लगा देती है। इतना ही नहीं कई बार तो एेसे आलम होते हैं, जहां ऑटो के कारण मेट्रो बसें फंस जाती हैं। जिस कारण पीछे वाहनों की कतार लग जाती है।
यहां लेन भी हो गई फेल
सेंट नॉर्बट की ओर से आने वाले वाहन ब्लूम चौक की ओर निकलें, इसके लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा यहां स्टॉपरों के जरिए लेन बनाई गई, लेकिन ये लेन भी अब ऑटो के खड़े होने की जगह बन गईं हैं। यहां सुबह से शाम तक ट्रैफिक पुलिस के जवान तो तैनात रहते हैं, लेकिन इस मार्ग से आने वाले रांग साइट से वाहन डालकर तीन पत्ती की ओर जाते हैं।
ऑटो के कारण यहां फंसतीं हैं मेट्रो लगता है जाम
– घमापुर चौक से रांझी मोड़ व कलेक्ट्रेट और रद्दीचौकी जाने वाला मार्ग
– घण्टाघर से कलेक्ट्रेट जाने वाला मार्ग व मशीन वाले बाबा की मजार के सामने
– रानीताल से दमोहनाका जाने वाला मार्ग व राइट टाउन जाने वाला मार्ग
– बस स्टेण्ड चौकी के पास स्थित पुराने बस स्टेण्ड के सामने, जहां मेट्रो पार्क होती हैं
– अधारताल तिराहा से गुजरने वाले तीनों मार्ग
यहां किए गए थे प्रस्तावित
तीन पत्ती, सेंट नॉबर्ट तिराहा, ब्लूम चौक, छोटी लाइन फाटक, रानीताल, बल्देवबाग, दमोहनाका, दीनदयाल चौक, माढ़ोताल, मेडिकल तिराहा, नौदरा ब्रिज, मालगोदाम के सामने, घमापुर चौक, कांचघर चौक, रांझी थाने के सामने, रद्दी चौकी, गोहलपुर, अधारताल तिराहा, पेंटीनाका, कपूर क्रॉसिंग, बंदरिया तिराहा, रामपुर, घंटाघर समेत अन्य।
एक दर्जन भी नहीं बन पाए
ट्रैफिक पुलिस ने शहर में कई स्थानों पर ऑटो स्टेण्ड बनाने जाने का प्रस्ताव नगर निगम को दिया, जिसके बाद नगर निगम ने इन्हें बनाने की कार्रवाई तो शुरू की, लेकिन शहर में अब तक एक दर्जन ऑटो स्टेण्ड तक नहीं बन पाए हैं और जहां ये बन चुके हैं, उनमें से अधिकतर सड़क से दूर या फिर फुटपाथ पर हैं।
वर्जन
ट्रैफिक पुलिस द्वारा जहां प्रस्ताव दिया गया था, वहां स्टेण्ड बनाने का कार्य चल रहा है। वहां ऑटो खड़े कराने का जिम्मा ट्रैफिक पुलिस का है।
सचिन विश्वकर्मा, सीईओ, जेसीटीएसएल
घमापुर से रद्दीचौकी तक ऑटो स्टेण्ड के अतिक्रमण हटाए गए। ऑटो को वहां खड़ा कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अमृत मीणा, एएसपी] ट्रैफिक