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रेलवे के इस पुल के पास से गुजरने से डरते है लोग, जो जाता है वह लौटकर नहीं आता

locationजबलपुरPublished: Mar 07, 2019 12:22:29 pm

Submitted by:

deepankar roy

डेथ प्वाइंट बन गया सतपुला पुल, हादसा या आत्महत्या की गुत्थी में उलझी पुलिस

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जबलपुर. रेलवे के एक बेहद पुराने पुल के पास से गुजरने से आम लोग डरने लगे है। यहां से गुजरने वालों में हर महीने किसी न किसी की मौत हो रही है। रांझी थाना क्षेत्र में सतपुला पुल के नीचे से गुजरा रेलवे का यह ट्रैक डेथ प्वाइंट बन गया है। यहां तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ रही है। मंगलवार देर शाम से लेकर बुधवार सुबह तक तीन व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं। 12 घंटे में 3 मौतों ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि मृतक हादसे का शिकार हुए या आत्महत्या की है। इन मौतों की गुत्थी पुलिस के लिए भी पहेली बनी है। तीनों मामलों में मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पैर कटने के बाद मौत-

पुलिस के अनुसार रांझी मरघाई निवासी देवराज स्वामी ने सूचना दी कि उसके बड़े भाई बड़ा पत्थर निवासी 40 वर्षीय वासू स्वामी का ट्रेन से पैर कट गया है। वे रेलवे ट्रैक के बाजू में नाले में पड़े मिले। घायल को तुरंत विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।

विंध्याचल से सुबह कटे दो लोग-

पुलिस के अनुसार सतपुला-शोभापुर के बीच विंध्याचल एक्सप्रेस की चपेट में बुधवार सुबह दो लोग आ गए। गैंगमेन की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को दो शव रेलवे ट्रैक पर मिले। इनकी पहचान सीतापहाड़ बजरिया निवासी 22 वर्षीय राहुल कलसिया और विद्या नगर निवासी 45 वर्षीय रविकांत झा के रुप में की गई। मृतक रविकांत की पहचान उसके जेब में मिले आधार कार्ड से हो सकी।

आए दिन हादसे, निगरानी नहीं-

सतपुला पुल के नीचे से दिन भर तेज रफ्तार ट्रेनें गुजरती हैं। वीएफजे का एक रास्ता भी रेलवे ट्रैक के बाजू से है। सडक़ पर अक्सर सन्नाटा रहता है। इससे पहले भी पुल के नीचे लोगों के ट्रेन से कटकर मरने के हादसे हो चुके हैं। इसमें आत्महत्या और हादसे शामिल हंै। सुरक्षा और निगरानी के अभाव में लोग आसानी से रेलवे ट्रैक तक पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद क्षेत्र में निगरानी का अभाव है।

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