यह था मामला
अभियोजन के अनुसार 23 फरवरी 2015 को मैहर के समीपी ग्राम की निवासी 5 वर्षीय बालिका का भाई उसे स्कूल पहुंचाने जा रहा था। रास्ते में गांव के ही मैजिक चालक सचिन सिंगरहा के मैजिक वाहन में बालिका को बैठाते हुए सचिन से उसे स्कूल पहुंचाने के लिए कहकर वापस घर लौट गया। लेकिन देर शाम तक बालिका घर वापस नहीं लौटी। मैहर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। पूछताछ के दौरान आरोपी मैजिक चालक ने पहले तो पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया । लेकिन बाद में वह टूट गया और पूरी घटना का खुलासा कर दिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके वाहन में बच्ची अकेली थी, जिसे देखकर उसकी हवस जाग गई। उसने सुनसान इलाके में ले जाकर पहले तो बालिका के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और शव को ग्राम परसवारा के पास नहर के किनारे एक कुएं में फेंक दिया।
2016 में रोकी थी फांसी
10 अगस्त 2015 को जिला अदालत ने सचिन को मासूम से रेप के बाद उसकी हत्या का क्रूरतम और जघन्य कृत्य करने के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई थी। मप्र हाइकोर्ट ने 3 मई 2016 को जिला अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी थी। इसे आरोपी सचिन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम स्थगन दे दिया था। अंतिम सुनवाई में कोर्ट ने पाया कि आरोपी ने जघन्य कृत्य तो किया, लेकिन यह विरल से विरलतम अपराध की श्रेणी में नहीं आता।