power generating company के अधिकारियों और कर्मचारियों की दो साल पहले हो जाएगी छुट्टी, जानिए क्या है मामला
जबलपुरPublished: Oct 14, 2017 10:28:24 am
सुप्रीम कोर्ट ने 60 वर्ष में रिटायरमेंट का आदेश स्थगित किया
neet 2017- admission in medical colleges of MPs only through Combined Counseling
जबलपुर। एमपी पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों की अब उनकी नौकरी के दो साल पहले ही छुट्टी हो जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने मप्र हाईकोर्ट के उस आदेश को स्थगित कर दिया है, जिसमें मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के कर्मियों को 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट की सहूलियत दी गई थी। सुको के जस्टिस मदन बी लोकुर व जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने कंपनी की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। कोर्ट ने उन कर्मियों को नोटिस जारी किए हैं, जिनकी याचिका पर मप्र हाईकोर्ट ने उक्त आदेश दिया था।
यह है मामला
रामकृपाल गुप्ता व अन्य की ओर से मप्र हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने एक आदेश जारी कर अपने कर्मियों को 30 दिन में रिटायरमेंट का विकल्प चुनने के निर्देश दिए। जो 58 साल के बाद भी कार्य करना चाहते थे, उन्हें यह विकल्प चुनने का मौका दिया गया। इसके चलते मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अधिकांश कर्मियों ने 60 साल की आयु में रिटायरमंेंट का विकल्प चुन लिया।
राज्य सरकार ने दी थी चुनौती
पावर जनरेटिंग कंपनी के 30 दिन में रिटायरमेंट का विकल्प चुनने का मौका दिए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में कंपनी के कर्मी इस विकल्प का लाभ उठाने से वंचित रह गए, क्योंकि तीस दिन की उक्त अवधि समाप्त हो चुकी थी। लिहाजा याचिकाकर्ताओं ने भी 60 साल में रिटायरमेंट दिए जाने का आग्रह किया था। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता कर्मियों को राहत देते हुए 60 साल में रिटायरमेंट का विकल्प चुनने की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर रिटायरमेंट के पूर्व किसी भी समय तक कर दिया था। इस आदेश को मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी व राज्य सरकार की आेर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
आदेश का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पॉवर जनरेटिंग कंपनी आदेश का इंतजार कर रही है। इस आदेश से कई अधिकारी और कर्मचारियों की सेवा अवधी प्रभावित होना तय है। वहीं, आदेश के बाद दो साल अतिरिक्त नौकरी करने की योजना बनाने वाले कर्मियों की उम्मीदों को भी झटका लगा है।