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जबलपुर

surya grahan 2018: ग्रहण योग पर जरूर करें ये 4 काम, चमक जाएगी किस्मत

सूर्य ग्रहण के उपाय हिन्दी में

जबलपुरJul 13, 2018 / 12:23 am

Premshankar Tiwari

surya grahan ke upay in hindi

ग्रहण योग पर जरूर करें ये 4 काम, चमक जाएगी किस्मत

जबलपुर। भारतीय वैदिक परम्परा से जुड़े लोगों के लिए ग्रहण हमेशा से ही कौतूहल का विषय रहा है। विज्ञान इसे नेचर से जुड़ी एक घटना और प्रक्रिया मानता है, वहीं सनातन धर्मियों के लिए यह आस्था और विश्वास का विषय है। ग्रहण होने पर कई परिवारों में आज भी सूतक जैसी प्रक्रिया अपनाई जाती है। कहीं न कहीं इसके भी अपने धार्मिक और मनोवैज्ञानिक कारण हैं। 13 जुलाई शुक्रवार को सूर्य ग्रहण हो रहा है। ज्योतिषाचार्योंं के अनुसार स्पर्श लेकर मोक्ष तक ग्रहण का समय सुबह 7 बजकर 18 मिनट 26 सेकंड से प्रात: 9 बजकर 44 मिनिट तक रहेगा। कई लोग ग्रहण के दौरान होने वाले नुकसान को लेकर भयभीत रहते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। जानकारों की मानें तो ग्रहण काल में किए गए कुछ कार्य बेहद लाभ पहुंचाते हैं। कुछ उपायों से कुंडली दोष और ग्रह-बाधाओं की समस्या के निवारण के साथ धन-धान्य की प्राप्ति भी होती है।

मंत्रों का जाप
ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ल के अनुसार जुलाई महीने में दो ग्रहण का योग वर्षों बाद आया है। एक ओर जहां 27 जुलाई को बड़ा चंद्रग्रहण हैं, वहीं शुक्रवार 13 जुलाई का खग्रास सूर्य ग्रहण भी है। हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं है। यहां इसका कुछ खास असर नहीं होने वाला है। ग्रहण का असर उसी स्थान पर होता है, जहां वह दिखाई देता है। ग्रहण के अपने फायदे और नुकसान भी है। शास्त्रों में लिखा है कि ग्रहण के दौरान मंत्रों का प्रभाव बढ़ा जाता है। इस दौरान सिद्ध मंत्र या गुरु मंत्र का जाप करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। सभी बाधाएं कट जाती हैं।


हरिनाम संकीर्तन
ग्रहण पर्व के दौरान हरिनाम का संकीर्तन सबसे अच्छा माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. रामसंकोची गौतम का कहना है कि ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवता या फिर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण या भगवान शिव के नाम का जाप या कीर्तन करना चाहिए। इससे हर बाधा दूर हो जाती है।

मेडिटेशन और ध्यान
ग्रहण के समय आप कमरे में एकांत में एक कुश या उचित चटाई डालें। इसके बाद पानी से पांच बार आचमन करें। आचमन के उपरांत इष्ट देवता का ध्यान करें। इससे न केवल आत्मिक सुख मिलता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।

ग्रहण का दान
मंत्र जाप की तरह ग्रहण का दान भी बेहद जरूरी है। ज्योतिषाचार्य पं. दिनेश गर्ग के अनुसार ग्रहण के उपरांत पवित्र जलाशय या घर पर ही स्नान करें। स्नान करते समय कुश के तुकड़ों को पानी में डाल लें तो लाभ और बढ़ जाता है। स्नान व जाप के उपरांत किसी जरूरतमंद या सुपात्र ब्राम्हण को यथोचित सामग्री का दान अवश्य करना चाहिए। इससे अनहोनी टल जाती हैं और ग्रह दोषों का निवारण हो जाता है।


सूर्य ग्रहण का समय
सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं और इस दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है। मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। वहीं ज्योतिष यह भी कह रहे हैं कि भारत में इस ग्रहण का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि ग्रहण यहां नहीं पड़ रहा है। 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण के दिन अमावस्या सुबह 8 बजक17 मिनट तक है। इस दिन भारतीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 18 मिनट 26 सेकंड से शुरू होगा, जो कि 8 बजकर 13 मिनट 9 सेकंड तक रहेगा। पूर्ण मोक्ष प्रात: 9 बजकर 44 मिनिट पर होगा।


पितरों को करें याद
हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस अमावस्या के बाद वर्षा ऋतु आती है। आषाढ़ अमावस्या पर दान और पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। इस आषाढ़ की अमावस्या दो दिनों तक रहेगी। 12 जुलाई को पितृकार्य अमावस्या और 13 जुलाई को आषाढ़ी अमावस्या। शास्त्रों के अनुसार पितृ अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए किये गए कार्य शुभ माने जाते हैं। 12 जुलाई को पितृ कार्यों के लिए है और 13 जुलाई को सूर्योदय के समय अमावस्या की तिथि रहेगी। इस दिन अपने पितरों को याद करके उनके नाम से दान करना भी श्रेष्ठ माना जाता है।

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