पीएम तक नहीं कराया था सीआरपीएफ वालों ने-
परिवार वालों का दावा है कि सीआरपीएफ वालों ने पुलिस तक को खबर नहीं दी थी। उनके वहां पहुंचने पर जब स्थानीय थाने को सूचना दी गई। तब जाकर शव पीएम के लिए मिला। शरीर पर किसी तरह का खरोंच नहीं मिला। पत्नी अर्चना के मुताबिक उनके हाथ में एक कागज का टुकड़ा मिला, जिसमें सात लोगों के नाम लिखे थे। उसे पुलिस ने जब्त किया है।
रूम पाटर्नर को किया गायब-
यहीं नहीं मुकेश गौर के साथ रूम पाटर्नर को भी अधिकारियों ने वहां से गायब कर दिया। उससे परिवार के लोगों से बातचीत करने नहीं दिया। शुक्रवार को परिवार के लोग जवान का शव लेकर दिल्ली से फ्लाईट से भोपाल और वहां से सडक़ मार्ग से जबलपुर लाए। जवान का अंतिम संस्कार कर चुके परिवार के लोगों ने मामले में सीबीआई जांच की गुहार लगाई है।