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Swine flu : सामान्य फ्लू के साथ मिक्स हुआ H1N1 वायरस, ऐसे करे बचाव

locationजबलपुरPublished: Feb 23, 2019 12:47:37 am

Submitted by:

Manish garg

जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर रोज आ रहे मरीज, आइसोलेशन वार्ड में 6 पॉजिटिव मरीज भर्ती

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जबलपुर . स्वाइनफ्लू के एच वन एन वन वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। डॉक्टर्स के अनुसार यह फ्लू सामान्य वायरस के साथ घुल गया है। जिससे यह मर्ज प्रारंभिक अवस्था में समझ में नहीं आ रहा है। खास बात यह है कि तापमान में उतार चढ़ाव के बाद भी यह वायरस अब सक्रिय रहता है। डॉक्टर्स के अनुसार सामान्य सर्दी-जुकाम यदि लगातार रहता है और गले में सक्रंमण की शिकायत रहती है तो ऐसी स्थिति में मरीज को अपनी स्क्रीनिंग कराना चाहिए। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वाइन फ्लू के हर रोज एक से दो संदिग्ध मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती दो संदिग्ध मरीजों में से एक की रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव आई है। अभी 6 पॉजिटिव मरीज व दो संदिग्ध मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। जिनमें से एक मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है।


दमोह, कटनी, नरसिंहपुर, मंडला से आ रहे मरीज
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में जबलपुर के अलावा दमोह, शहड़ोल, कटनी, नरसिंहपुर, मंडला सहित अन्य जिलों से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

तीन केटेगिरी में इलाज
डॉक्टर्स के अनुसार स्वाइनफ्लू की गाइड लाइन के अनुसार तीन केटेगिरी में इलाज किया जाता है। पहली केटेगिरी में मरीज को सामान्य सर्दी,जुकाम व बुखार होने पर उसे सामान्य दवा देकर घर में आराम करने कहा जाता है। वहीं दूसरी केटेगिरी में मरीज को डॉक्टर परीक्षण के उपरांत टेमीफ्लू की दवा के डोज देते हैं। आवश्यकता पडऩे पर मरीज को भर्ती भी किया जा सकता है। सी केटेगिरी में मरीज को भर्ती करके उसके स्वाव का नमूना भेजे जाने के साथ ही टेमीफ्लू का डोज दिया जाता है।-इनमें फैलता है संक्रमण-डॉक्टर्स के अनुसार स्वाइनफ्लू का संक्रमण बच्चों में, बुजुर्गो में, गर्भवती महिलाओं को व मधुमेह, ब्लड प्रेशर रोगियों को अपनी चपेट में जल्दी लेता है। इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहती है।

यह है स्थिति
मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती बीते पंद्रह दिनों में कुल ५० संदिग्ध मरीज भर्ती हुए। 14 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव् आई। चार की इलाज के दौरान मौत हो गई। अभी 6 मरीज हैं अस्पताल में भर्ती।

ये है लक्षण
– लगातार सर्दी, जुकाम,नाक से पानी आना
– बुखार के साथ ही सरदर्द, जोड़ों में दर्द
– गले में खरास,थकान, ठंड लगना, पेटदर्द, संक्रमण
– पीडि़त व्यक्ति के खांसने, छीकने के दौरान निकलने वाले द्रव्य से, ये द्रव्य बिखर जाते हैं। कई बार खांसते-छीकते समय रोगी मुंह में हाथ लगता है। बाद में वह जिस वस्तु को छूता है तो वह वस्तु भी संक्रमित हो जाती है। उसे कोई सामान्य व्यक्ति छू लेता है तो वह भी संक्रमण का शिकार हो जाता है।

ये रखें सावधानी-
-ऐसे मरीजों का टॉबल, रूमाल, तकिया, चादर शेयर न करें।
-भीड़ भरे क्षेत्रों में सावधानी बरतें, हाथ मिलाने से परहेज करें।
– आंख, नाक, मुंह को छूने के बाद किसी अन्य वस्तु को न छुएं।
– सावधानी के तौर पर हाथ को साबुन से धोते रहे।
– रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
स्वाइनफ्लू के एच वन एन वन वपायरस के जो पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं उनमें से अधिकांश बहुत ही गंभीर हालत में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। प्रारंभिक स्थिति में स्क्रीनिंग व सावधानी से मरीज पूरी तरह से सुरक्षित हो सकता है। मेडिकल में अभी 6 पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं। इनमें से एक मरीज की की हालत गंभीर बनी हुई है। इलाज के दौरान कई मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।
डॉ. दीपक बरकड़े, प्रभारी आइसोलेशन वार्ड, मेडिकल कॉलेज अस्पताल

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