गोकलपुर में मिनी स्टेडियम निर्माण में हद दर्जे की लापरवाही सामने आई है। इसका निर्माण भी करीब एक साल देरी से हुआ। इसमें निविदा निकालने और ठेकेदार के चयन में जरूरत से अधिक समय लिया गया। अधूरे निर्माण को ही विभाग ने ठेकेदार से कब्जे में ले लिया। इसके लिए 74 लाख रुपए से अधिक मंजूर किए गए थे। इसी तरह एक और बड़ी गड़बड़ी सामने आई। रांझी में खेल परिसर के निर्माण के लिए खेल विभाग की ओर से दो करोड़ रुपए आंवटित किए गए थे। लेकिन, करीब डेढ़ करोड़ के कार्य ही कराए गए। बाकी राशि में से महज 29 लाख ही विभाग को लौटाए गए। बाकी के 16 लाख रुपए विभाग वसूल नहीं पाया।
-निर्माण एजेंसियों से अनुबंध के वक्त विभाग ने कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की
-अनुबंध करते समय क्षतिपूर्ति या जुर्माने का प्रावधान शामिल नहीं किया गया
-समयबद्ध क्रियान्वयन और गुणवत्ता निर्धारित के लिए जिम्मेदारों समीक्षा बैठक जैसे प्रावधानों को शामिल नहीं किया
-निगरानी के अभाव में एजेंसियों ने मनमानी तरीके से समय लिया। जरूरत से ज्यादा देरी और घटिया निर्माण हुए
रानी ताल खेल परिसर- 1. एक हजार दर्शक क्षमता का क्रिकेट स्टेडियम 2. कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल का आउटरडोर मैदान
युवा भवन रामपुर- बॉस्केटबॉल, कराते और कुश्ती के इनडोर और आउटरडोर मैदान
हॉकी सिंथेटिक टर्फ मैदान, तीरंदाजी रेंज, वेलोड्रम (साइकिलिंग)
एमएलबी खेल परिसर- हैंडबॉल, खो-खो, वूशू का आउटरडोर मैदान
रांझी में रोड का निर्माण- 20 लाख
रानीताल छात्रावास भवन में विद्युत कार्य- 91 लाख
रानी ताल प्रशासनिक भवन की मरम्मत- 06 लाख
रानी ताल इंडोर हॉल की मरम्मत- 06.56 लाख
हॉकी एस्ट्रोटर्फ में फ्लडलाइट का उपयोग इसलिए नहीं हो पाता था, क्योंकि कोच नहीं था। अब उसकी नियुक्तिहुई है। प्रयास होगा कि अब इस सुविधा का लाभ खिलाडिय़ों को मिल सके। रांझी स्टेडियम में इंडोर खेलों की सुविधा बेहतर है। आउटडोर में उतनी गतिविधियां नहीं चल पातीं। उस मैदान को भी बेहतर करने का प्रयास करेंगे।
– आशीष पांडेय, जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी
– दिग्विजय सिंह, सचिव मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ