लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने ग्राम धमधा में पीने के पानी की किल्लत को लेकर वर्ष 2018 में एक करोड़ 21 लाख की नल-जल योजना स्वीकृत की थी। योजना के अंतर्गत पानी की टंकी का निर्माण, बोरिंग और संबंधित गांव के तीन वार्डों में पाइप लाइन का विस्तार शामिल था। 10 अगस्त 2018 को ठेकेदार ने काम शुरू किया, लेकिन निर्माण कार्य की मंथर गति और विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते अगस्त 2019 (12 माह) तक पीने की पानी की टंकी, बोरिंग का काम हो पाया। ठेकेदार ने अब तक गांव में पाइप लाइन नहीं बिछाई। ऐसे में करीब नौ सौ की आबादी वाले गांव के रहवासियों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
सिर्फ दो हैंडपम्प के भरोसे तीन वार्ड के लोग
गांव के कोमल चौधरी, बद्रीलाल चौधरी, नवीन सिंह क्षत्रिय, शेख हारून मोनू पुरी, शेख अख्तर, रामकेश गड़ारी ने बताया बारिश के मौसम में गांव के लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं। गांव में दो हैंडपम्प लगे तो जरूर हैं, लेकिन उसका पानी पीने लायक नहीं रहता। ऐसे में 16, 17 और 18 वार्ड के निवासियों को पीने के पानी के इंतजाम के लिए दूसरे गांव पर निर्भर रहना पड़ता है। सरपंच गणेश राय ने बताया कि उन्होंने नल-जल योजना के काम की धीमी गति को लेकर तहसीलदार सिहोरा नीता कोरी को शिकायत की थी। इसके बावजूद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।
10 अगस्त को पूरा हो जाना था काम
टेंडर के नियमों के अनुसार ठेकेदार को वर्क ऑर्डर के बाद 10 अगस्त 2019 को नल-जल योजना का काम पूरा कर लेना था। विभागीय अधिकारियों को टंकी की टेस्टिंग, पाइप लाइन और दूसरे कार्यों की जांच के बाद योजना को ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करना था, लेकिन पाइप लाइन का काम ही पूरा नहीं होने से योजना अधर में लटक गई है।
ग्राम धमधा में नल-जल योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत धर्मपुरा से पाइपलाइन को दूसरी तरफ ले जाना है। बीच में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना सडक़ की खुदाई की स्वीकृति नहीं मिलने से पाइपलाइन के विस्तार का काम रुका है। गांव के अंदर पाइपलाइन विस्तार का काम चल रहा है।
शीतल वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उप संभाग सिहोरा