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स्वाइन फ्लू : एक संदिग्ध की मौत, इन तरीकों से किया जा सकता है बचाव

locationजबलपुरPublished: Jul 29, 2017 08:54:00 pm

Submitted by:

reetesh pyasi

दस दिन में सामने आए दस मरीज, तीन के नमूने पाए गए पॉजिटिव

Swine flu knock in Maharashtra, alert in Burhanpur

Swine flu knock in Maharashtra, alert in Burhanpur

जबलपुर । बारिश का मौसम है। वायरल के संक्रमण के साथ अब शहर व आसपास स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। दस दिन में इसके दस मरीज सामने आए हैं। जांच के दौरान इनमें से तीन के नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। एक संदिग्ध की मौत भी हो गई है। चिकित्सकों का मानना है कि स्वाइन फ्लू घातक और जानलेवा है। यह कभी भी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन थोड़ी सावधानी से इससे बचा भी जा सकता है।


एक मरीज ने तोड़ा दम
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती एक स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतक मंडला जिले का था। डॉक्टरों के अनुसार उसके स्वाब का नमूना जांच के लिए नहीं लिया जा सका था। सीएमएचओ डॉ.एमएम अग्रवाल के अनुसार 30 वर्षीय युवक को गुरुवार शाम मेडिकल अस्पताल लाया गया था। यहां जांच के बाद डॉक्टर्स ने उसे स्वाइन फ्लू केटेगिरी सी से पीडि़त पाया था। उसकी हालत बहुत गंभीर थी। मरीज का इलाज शुरू कर दिया गया था पर शुक्रवार सुबह 4 बजे के लगभग मरीज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।


यह वायरस है सक्रिय
बारिश के साथ ही वातावरण में नरमी और गरमी का माहौल है। तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ ही स्वाइन फ्लू का एच वन एन वायरस सक्रिय होने लगा है, जो लोगों को इस रोग की चपेट में ले रहा है। जिले में बीते दस दिनों में स्वाइनफ्लू के लगभग दस संदिग्ध मरीज व तीन पॉजिटिव मरीज इलाज के लिए आ चुके हैं। डॉक्टर्स के अनुसार पहले सामान्यत: लगातार बारिश होने की स्थिति में ज्यादा नमी होने व दिसम्बर से फरवरी के बीच ठंड के मौसम में यह वायरस अटैक करता था, पर अब यह वायरस ज्यादा तापमान पर भी सक्रिय हो रहा है।


स्वाइन फ्लू के प्रकार
ए कैटेगिरी : सामान्य बुखार, जुकाम जो तीन से चार दिन में ठीक हो जाए। इस कैटेगरी में मरीज को सामान्य फ्लू की दवा देने के साथ ही घर पर आइसोलेटेड रहने की सलाह दी जाती है।
बी कैटेगिरी- तेज बुखार, जुकाम, कफ का आना, जोड़ों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ होना। इस कैटेगरी के मरीज को डॉक्टर जांच के बाद टेमीफ्लू की गोली के डोज देना शुरू करते हैं। मरीज को घर पर ही आइसोलेटेड रहने के लिए कहा जाता है। उसके स्वाव का नमूना जांच के लिए इस कैटेगरी में नहीं भेजा जाता। 
सी कैटेगिरी- बेहोशी आना, तेज बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, लगातार कफ आना, जोड़ों में दर्द होना। इस कैटेगरी के मरीज के थ्रोट स्वाव का नमूना लिया जाता है। मरीज यदि ज्यादा गंभीर है तो अस्पताल में रखा जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर है तो उसे वेंटीलेटर या ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होने पर सावधानियों के साथ घर पर रखा जा सकता है।

ये रखें एहतियात
सर्दी-जुकाम होने पर अपना तकिया, चादर, रूमाल आदि अलग रखें।
लोगों से हाथ मिलाने से बचें। साबुन से हाथ धोने के बाद ही 
कुछ खाएं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रखने के लिए ताजा खाना व साफ पानी पीएं। 

इनको खतरा
डॉक्टर्स के अनुसार बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बजुर्ग, मधुमेह रोगी, हार्ट रोगी व जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उन्हें इस रोग का ज्यादा खतरा होता है।

सावधानी ही बचाव 
स्वाइन फ्लू का खतरा तो बढ़ा है, पर सावधानी रखकर इसको पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। सर्दी-खांसी, जुकाम की स्थिति में तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें। अभी जो मरीज आ रहे हैं, वे स्वाइनफ्लू कैटेगरी ए और बी के ज्यादा हैं। सी कैटेगरी के मरीजों को भर्ती करके इलाज दिया जा रहा है।
डॉ. दीपक बरकड़े, मेडिसिन विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज, जबलपुर
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