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जबलपुर में टूट न जाए टैक्सटाइल्स पार्क की उम्मीद, शासन के पास अटकी योजना

locationजबलपुरPublished: Jun 30, 2020 06:48:28 pm

Submitted by:

prashant gadgil

निवेश के साथ सैकड़ों हाथों को रोजगार का दिलाया था भरोसा

Textile industry : कपड़ा उद्योग को नए ऑर्डर का इंतजार

Textile industry : कपड़ा उद्योग को नए ऑर्डर का इंतजार

जबलपुर. शहर में प्रस्तावित इंदिरा गांधी टैक्सटाइल्स पार्क का मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से घोषित इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की बदौलत शहर में करोड़ों रुपए का नया निवेश तो आ सकता है साथ ही सैकड़ों हाथों को रोजगार भी मिलेगा। जिला प्रशासन की ओर से इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए भटौली में 43 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है मगर अभी इस दिशा में प्रदेश शासन की ओर से बड़ी पहल नहीं की जा रही है। जिले में रेडीमेड गारमेंट का बड़ा हब है। 600 से अधिक छोटी एवं बड़ी इकाइयों में सलवार सूट और दूसरे वस्त्र तैयार होते हैं, लेकिन इन वस्त्रों के लिए कच्चे माल के लिए निर्माताओं को दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। बटन, कपड़ा, धागा जैसी छोटी छोटी चीजें भी बाहर से आती हैं। ऐसे में इनके लिए भी टैक्सटाइल्स पार्क सहायक साबित हो सकता है। यहां के रेडीमेड वस्त्र निर्माता भी इस पार्क से उम्मीद लगाए बैठे हैं।

मैग्नीफिसेंट मप्र में निवेश

तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से मैग्नीफिसेंट मप्र इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसमें कपड़ा उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों ने निवेश की बात कही थी। इसलिए उस समय टैक्सटाइल्स पार्क के लिए उम्मीदें बंधी थी। मौजूदा समय में जिला प्रशासन के द्वारा भटौली में इस योजना के लिए जमीन आंवटित कर दी है। बीते 19 जनवरी को इसका इश्तहार भी जारी किया जा चुका है। अब प्रदेश शासन को इस योजना को आगे बढ़ाना है।

प्रवासी श्रमिको को सहारा

टैक्सटाइल्स पार्क भविष्य में उन प्रवासी श्रमिकों के लिए भी रोजगार का साधन बन सकता है जो कि कोरोना के संकट के कारण दूसरे प्रदेशों से अपने गांव और शहर लौटे हैं। जबलपुर में सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिक महाराष्ट्र और गुजरात से लौटें हैं। इनकी संख्या क्रमश: 2 हजार 826 और एक हजार 784 है। इनमें ज्यादातर इसी प्रकार मिलों में काम करते थे। जो आंकड़ा सामने आया था उसमें 468 श्रमिक तो ऐसे हैं जो कि सीधे सिलाई के काम से जुड़े हैं।

इस तरह होता है टेक्सटाइल्स पार्क

जानकारों ने बताया कि टेक्सटाइल्स पार्क में गारमेंट इंडस्ट्री के अलावा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां भी लगाई जाएंगी। यहां धागा से लेकर गारमेंट तक तैयार हो सकता है। मार्केटिंग की सुविधा भी इस जगह पर रहेगी। गारमेंट में लगान वाली सामग्री का निर्माण भी इसमें होता है। इसकी स्थापना से 10 से 12 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकता है।

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