शहर में गारमेंट इकाइयां पहले से रोजगार देने में अग्रणी हैं। तकरीबन 25 हजार लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसमें जुडे़ हैं। इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं और कुशल कारीगर और श्रमिकों को ध्यान में रखकर दक्षिण भारत की एक बड़ी टैक्सटाइल्स इंडस्ट्री अपनी यूनिट यहां स्थापित करना चाहती है। इसमें तमाम प्रकार के आधुनिक एवं परंपरागत गारमेंट तैयार किए जाएंगे। सिलाई-कढ़ाई से लेकर दूसरे काम भी होंगे।
हर माह 120 लोगों को रोजगार
यह कंपनी परियोजना को तैयार कर इसका प्रस्ताव मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कारपोरेशन के माध्यम से ही प्रदेश सरकार की कैबिनेट कमेटी फॉर इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (सीसीआइपी) रखेगी। वहां से स्वीकृति मिलने पर निर्धारित समय में निवेश के साथ रोजगार सृजन का काम किया जाएगा। बताया जाता है कि कंपनी की प्रस्तावित योजना के अनुसार वह हर माह 120 लोगों को रोजगार मुहैया कराएगी।
जमीन की गई चिन्हित
कुदवारी के पास 27 हेक्टेयर जमीन है। जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 15 एकड़ जमीन टैक्सटाइल्स इंडस्ट्री के लिए चिन्हित की गई है। कंपनी के प्रतिनिधियों को भी यह जगह पसंद आई है। मध्य प्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीआइडीसी) के जरिए इस भूमि का मद परिवर्तन करने के लिए टीएंडसीपी प्रस्ताव भेजा गया है। संभागीय नजूल निर्वतन कमेटी इस पर निर्णय लेगी। उसके बाद आगे काम होगा।
कई दिनों तक चला सर्वे बताया जाता है कि कंपनी अपना निवेश प्रदेश के इंदौर या जबलपुर में करना चाहती थी। लेकिन जबलपुर उनकी पहली प्राथमिकता बन गई है। कंपनी ने यहां सर्वे किया। आसपास के क्षेत्र में कितने कुशल कारीगर और श्रमिक उन्हें मिलेंगे। वे दो शिफ्ट में काम कर सकते हैं या नहीं। यूनिट तक पहुंचने के लिए आवागमन के क्या साधन हैं। तैयार माल भेजने के लिए कौन से संसाधन और सुविधाएं हैं।