जिले के 73 से ज्यादा खरीदी केन्द्र एवं उप केन्द्रों में लगभग 17 हजार किसानों ने रजिस्टे्रशन कराया। समितियों के द्वारा इसमें सारी जानकारी ऑनलाइन भरी जाती हैं। इसमें किसान का नाम, पता, खेती का रकबा, अनुमानित उपज की मात्रा के अलावा जिस बैंक अकाउंट में उपज का भुगतान होगा, उसका नम्बर भी भरा जाता है। इसमें भारी गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इसकी वजह से उन्हें समय पर भुगतान नही हो रहा है। गेहूं का विक्रय और परिवहन होने के बाद भी जब राशि खातों में नहीं पहुंचती तो वह परेशान होते है। जब इसका पता किया गया तो उनका खाता नम्बर ही गलत निकला।
कलेक्टर कार्यालय में कतार
अपना खाता नम्बर सुधरवाने के लिए उन्हें कलेक्टर कार्यालय में जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग आना पड़ता है। रोजाना 20 से 30 किसान इस तरह की शिकायत लेकर आ रहे हैं। मझौली से आए किसान रामभरोसे यादव ने बताया कि उन्होंने अपने खरीदी केन्द्र पर जब रजिस्टे्रशन कराया था तब सही दस्तावेज दिए गए। सिहोरा के किसान मिहीलाल पटेल का कहना था कि किसानों को भटकाने में समिति वाले पीछे नहीं हैं। उन्हें कई कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं ।
उपार्जन केन्द्रों में रजिस्टे्रशन के समय गलत खाता नम्बर दर्ज होने की शिकायतें आईं हैं। खाता नम्बर में सुधार करवाया जा रहा है। लगभग सभी शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है ।
सीएस जादौन, जिला आपूर्ति नियंत्रक