राजस्व प्रकरणों में सबसे ज्यादा प्रकरण नामांतरण के दर्ज हो रहे हैं। सभी तहसीलों में तहसीलदार, नायब और अतिरिक्त तहसीलदार न्यायालयों की बात करें, तो नामांतरण के 17270 प्रकरण दर्ज हुए। इसमें से 9950 का ही निराकरण हुआ। जिले की सभी 10 तहसीलों में सीमांकन के प्रकरणों की संख्या 3159 है। इसमें से 1294 का निराकरण हुआ है। यह कुल प्रकरणों का 42 प्रतिशत है। बंटवारे के 1324 प्रकरणों में से 547 का ही समाधान हुआ है।
कहां कितने प्रकरणसीमांकन
तहसील–दर्ज–निराकृतअधारताल 26 10
गोरखपुर 174 153रांझी 97 19
जबलपुर 503 348पनागर 557 179
सिहोरा 421 103मझौली 425 174
पाटन 196 64शहपुरा 470 86
कुंडम 289 66
नामांतरणतहसील–दर्ज–निराकृत
अधारताल 3992 2399
गोरखपुर 1617 1578रांझी 1526 636
जबलपुर 1962 1158पनागर 1500 810
सिहोरा 1502 743मझौली 1300 828
पाटन 937 674शहपुरा 1524 670
कुंडम 687 452
बंटवारा
तहसील–दर्ज–निराकृत
अधारताल 03 03गोरखपुर 48 38
रांझी 07 03जबलपुर 143 53
पनागर 192 63सिहोरा 149 38
मझौली 317 159पाटन 105 53
शहपुरा 260 100कुंडम 100 36
इनका कहना है
राजस्व प्रकरणों के निपटारे के लिए प्रयास किया जाता है। नियमित रूप से तहसीलों से सम्पर्क रखा जाता है। समय सीमा और राजस्व अधिकारियों की बैठक में भी यह विषय रखते हैं।
ललित ग्वालवंशी, अधीक्षक, भूअभिलेख