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दिल्ली-भोपाल से होगी शहर के स्कूलों की लाइव निगरानी

locationजबलपुरPublished: Oct 11, 2019 06:53:41 pm

Submitted by:

sudarshan ahirwa

स्कूलों पर जियो टैगिंग से नकेल की तैयारी, वित्तीय गड़बडिय़ों पर भी लगाम कसने की कवायद

the city schools will be live monitor from Delhi-Bhopal

the city schools will be live monitor from Delhi-Bhopal

जबलपुर. सरकारी और प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है। विभाग स्तर एवं शासन स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं का कितना उपयोग बच्चों के लिए एवं शिक्षण व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने में किया जा रहा है, इसकी भौतिक और ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। दरअसल मानव संसाधन विकास विभाग की सख्ती को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग प्राइवेट एवं सरकारी स्कूलों की जियो टैङ्क्षगग कराएगा। जिले के करीब 3000 सरकारी व प्राइवेट स्कूल इसकी जद में आएंगे। जिले के प्रत्येक स्कूल की पूरी जानकारी पर दिल्ली, भोपाल में बैठे अधिकारी सीधे नजर रख सकेंगे। अगले छह माह में इसे पूरा करने की तैयारी है।

सूचना का गलत निर्धारण
स्कूलों से भेजी जानकारियों के आधार पर जिले के लिए शिक्षा सुधार की पॉलिसी तय होती है। कई बार स्कूल आर्थिक लाभ के चलते गलत जानकारी प्रेषित कर देते हैं। यह गड़बड़ी का कारण बनता है। इस सब को देखते हुए जियो टेगिंग का भी निर्णय लिया गया है।

इस तरह होगी तकनीकी व्यवस्था
हर स्कूल की अक्षांश और देशांस के आधार पर जियोग्राफिक इंफारमेंशन सिस्टम (जीआईएस) के माध्यम से प्रोफाइल तैयार की जाएगी। स्कूल परिसर के बाहर से लेकर अंदर की स्थिति, फोटोग्राफ्स, शौचालय, छात्र संख्या, खेल का मैदान जैसी जानकारी टैग की जाएगी। स्कूल का वीडियो भी जियो टैगिंग के माध्यम से अपलोड होगा।

यह मिली हैं सुविधाएं
-विभिन्न प्रकार की स्कॉलरशिप
-प्रोत्साहन योजना का लाभ
-आरटीई फीस में छूट
-अनुदानित स्कूलों का वेतन
-सरकारी स्कूल में सुविधा
-गणेवश, साइकिल, पुस्तकें
-मध्याह्न भोजन
-वित्तीय फंड
-योजनाओं के लिए अलग से बजट

इस तरह गड़बड़ी
-छात्र संख्या की सही जानकारी न देना
-प्रॉक्सी उपस्थिति दर्शाकर योजना का लाभ लेना
-स्कूलों के इंफ्रास्टक्चर को उमदा बताना
-शिक्षण गुणवत्ता में सुधार न होना

स्कूलों की यह है स्थिति
-176 हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी
-2 लाख छात्र
-653 माध्यमिक स्कूल
-40 सीबीएसई स्कूल
-602 प्राथमिक स्कूल
-250 हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूल
2500 स्कूल जिले में
-800 प्राइमरी मिडिल स्कूल

प्राइवेट एवं सरकारी स्कूलों को जीआईएस के माध्यम से जोडऩे की तैयारी की जा रही है। इससे हर स्कूल पर सीधे नजर रखी जा सकेगी। मॉनीटरिंग भी आसानी से होगी। काफी पहले प्रपोजल तैयार कर भेजा गया था, अब इस पर काम शुरू हो रहा है।
अजय दुबे, एडीपीसी, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

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