scriptरेलवे के गार्डन में सैर की जगह सूखते हैं कपड़े | The clothes of the railway go dry in place of the promenade | Patrika News

रेलवे के गार्डन में सैर की जगह सूखते हैं कपड़े

locationजबलपुरPublished: Jan 18, 2019 09:55:00 pm

Submitted by:

manoj Verma

मदनमहल स्टेशन से लगी कॉलोनी में गार्डन के नहीं बचे नामोनिशान
पश्चिम-मध्य रेलवे के मदनमहल रेलवे स्टेशन के होम सिग्नल के समीप रेलवे कॉलोनी के तीन गार्डन मैदान हो गए हैं। रखरखाव की कमी से गार्डन का नामोनिशान मिटता जा रहा है। गार्डन में टूटे झूले और उबड़-खाबड़ जमीन है। गार्डन कपड़े सुखाने की जगह बन गए हैं। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक गार्डन की रखरखाव करने कोई नहीं आता है और न ही यहां से कचरा उठता है।
 

madan mahal railway coloney

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जबलपुर
मदनमहल के उत्सव सामुदायिक भवन के आगे रेलवे कॉलोनी की हालत खराब है। यहां तीन छोटे-छोटे गार्डन बनाए गए हैं। तीन विंग में बनी कॉलोनी के सामने गार्डन विकसित करने का उद्देश्य शुद्ध वातारवरण करना था। गार्डन बनने के बाद यहां इसकी देखरेख की जाती रही लेकिन समय गुजरने के साथ धीरे-धीरे इस रेल प्रशासन की ओर से रखरखाव नहीं किया गया, जिसका नतीजा यह था कि हरियाली नष्ट हो गई और वहां झाडि़यां ही बची।
पहले होता था मैंटनेंस
कॉलोनीवासियों का कहना है कि पहले यहां गार्डन सहित कॉलोनी भवन का रखरखाव होता था लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे यहां रखरखाव थमता गया। जरूरत पडऩे पर शिकायत की जाती है, जिसमें यहां आकर रखरखाव के नाम पर खानापूर्ति कर ली जाती है लेकिन गार्डन की सुध नहीं लगी गई।
शिकायत से डर रहे लोग
रेलवे में परिजनों के नौकरी करने की वजह से यहां निवासरत लोग कुछ भी कहने से बच रहे हैं। ऑफ दी रिकार्ड शिकायत जरूर कर रहे हैं लेकिन खुलकर कोई भी सामने नहीं आ पा रहा है। लोगों का कहना है कि शिकायत करने पर दो लोगों का तबादला कर दिया गया था, इसलिए वे जैसे-तैसे काम चला रहे हैं।
नहीं उठाया जाता है कचरा
रेलवे कॉलोनी के प्रथम आवास तक ही कचरा गाड़ी आ रही है लेकिन कॉलोनी के अन्य भागों में कचरा गाड़ी नहीं जाती है, इससे कचरा यहां-वहां फेंका जा रहा है। तीसरे नंबर के आवासों के किनारे साइड में कॉन्क्रीट का एक कचराघर बनाया गया है। इसी में लोग कचरा फेंक रहे हैं। क्षेत्रीय लोग कह रहे हैं कि सप्ताह में एक ही दिन गाड़ी आती है, दुर्गंध से पूरा क्षेत्र परेशान रहता है।
गार्डन 1
उत्सव हॉल के बाजू में दो मंजिल की इमारत बतौर रेलवे कॉलोनी की बसाहट है। इन भवनों के सामने सड़क के पहले तक गार्डन बनाया गया है। इस गार्डन की चाहरदीवारी ही नहीं बची है। गार्डन की पौध नष्ट हो गई है। गार्डन की कुछ जगह पर झाडि़यां शेष हैं, बाकी जगह खाली पड़ी है। यहां टूटे झूले और फिसलपट्टी है।
गार्डन 2
रेलवे कॉलोनी में प्रवेश द्वार से करीब दो सौ फीट पर पहली कॉलोनी के गैरेज से लगी यह दूसरी कॉलोनी के इमारतों के बीच यू शेप के बीच में गार्डन है। यहां गार्डन में कुछ हरियाली है। प्रथम हिस्से में साफ-सफाई की कमी है। दूसरे हिस्से में यहां रहने वाले लोग गार्डन के हिस्से में खेती कर रहे हैं।
गार्डन 3
रेलवे कॉलोनी का यह अंतिम छोर है। यहां यू शेप में मकानों के बीच गार्डन है। गार्डन पूरी तरह उजड़ चुका है। हरियाली खतम हो चुकी है। गार्डन की चाहरदीवारी टूटी हुई है, जिस पर लगी रैलिंग कई जगहों से टूटी है तो कहीं है ही नहीं। स्थिति यह हो गई है कि यहां लोगों ने कपड़े सुखाने की जगह बना ली है।
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