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उम्मीदों थीं खूब, लेकिन सपनों के आशियाने पर पानी फिरा

locationजबलपुरPublished: Jun 05, 2019 01:50:10 am

Submitted by:

shyam bihari

धारा 15-ए खत्म होने से बनी स्थिति, नगर निगम ने की थी तैयारी

उम्मीदों थीं खूब, लेकिन सपनों के आशियाने पर पानी फिरा

nigam

-128 कॉलोनी होनी हंै वैध
-32 कॉलोनी अधिसूचना में
-02 कॉलोनी पिछले साल वैध
-24 पर की जा रही थी घोषणा
जबलपुर। शहर की दो दर्जन अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद में पानी फिर गया है। अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए लगाई गई धारा 15-ए को शून्य कर दिए जाने के कारण जबलपुर में यह स्थिति बनी है। ग्वालियर खंडपीठ ने प्रदेश की अवैध कॉलोनियों को वैध करने के सरकारी आदेश को अमान्य कर दिया गया है। कॉलोनियों को वैध करने के लिए निगम प्रशासन द्वारा स्थल निरीक्षण से लेकर सर्वे रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई थी। ऐसी 128 कॉलोनियों को बारी-बारी से वैध किया जाना था। 24 कॉलोनियों का निगम अधिग्रहण करेगा या फिर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा, इस पर शासन के आदेशों का इंतजार है।
दो कॉलोनियों से निगम ने की थी शुरुआत
सूत्रों के अनुसार मई 2018 में नगर निगम ने अवैध कहलाने वाली शहर की दो कॉलोनियों को वैध किया है। इनमें से पहली ग्वारीघाट और दूसरी लक्ष्मीपुर स्थित एक-एक कॉलोनी है। इन दोनों कॉलोनियों के रहवासियों से विकास शुल्क जमा करवाकर यहां पर विकास कार्य प्रारम्भ किए गए थे।
इन अवैध कॉलोनियों पर गिरी गाज
मौजा गोहलपुर खसरा नंबर 167, खसरा नंबर 164/4, खसरा नंबर 168, मौजा पुरवा खसरा नंबर 22/1, खसरा नंबर 70/1, मौजा कछपुरा खसरा नंबर 290/1 292, 293, 294, कछपुरा खसरा नंबर 301, मौजा पिपरिया खसरा नंबर 61/106, मेसर्स सनसाइन कंस्ट्रक्शन, मौजा कछपुरा खसरा नंबर 285, 285/1, 287/2/289, मौजा गोहलपुर खसरा नंबर 164/3, मौजा ग्वारीघाट खसरा नंबर 19, मौजा पुरवा खसरा नंबर 176, 177, मौजा पुरवा खसरा नंबर 227, पुरवा खसरा नंबर 221/2, पुरवा खसरा नंबर 205, पुरवा खसरा नंबर 170 शामिल हैं।
मिलती हैं सुविधाएं
अवैध कॉलोनियों में न विकास कार्य होते हैं और न ही मकान बनाने के लिए बैंक लोन देता है। ऐसी कॉलोनियों को वैध करने के बाद इनसे विकास शुल्क लेकर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इनमें पानी, बिजली,सफाई जैसी सुविधाएं दी जाती है।

24 अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए काम चल रहा था, जो कि अंतिम चरण में था। नए निर्णय के तहत ये कॉलोनियां अपनी पूर्व स्थिति में पहुंच गई हैं। शासन से नए आदेश आने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
-अजय शर्मा, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम

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