ज्यों बुझाई, त्यों बढ़ती रही आग
खलिहान में लगी आग को स्थानीय लोगों ने बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग बुझने के बजाय और बढ़ती गई। बताया गया है कि आग बुझाने के संसाधन पर्याप्त नहीं थे, इसलिए आग पर काबू पान मुश्किल हो गया था।
किसानों के सामने जीविका का संकट
आग ने किसानों की साल भर की सारी मेहनत को खाक कर दिया है। किसान रविशंकर उपाध्याय, सुरजीत पटैल, रामशंकर उपाध्याय, कैलाश उपाध्याय, अशोक पटैल एवं छोटेलाल पटैल की फसल खलियान में रखी हुई थी। इन किसानों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
…तो आग मचाती तांडव
सूत्रों ने बताया कि यदि स्थानीय लोगों ने वक्त पर अपने कुओं और मोटरों से आग को नहीं रोका होता तो आग बस्ती की तरफ बढ़ जाती और भयंकर हादसा होता। बताया गया है कि आग की खबर मिलते ही ग्रामीण एकत्रित हुए और आग को काबू में करने के प्रयास किए गए।