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तय है बिजली के खम्भों से मकानों की दूरी, फिर भी दीवारों से चिपके हैं तार

locationजबलपुरPublished: Jan 09, 2022 09:45:36 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर में कागजों तक सिमटी कार्रवाई : नियमों से अनजान लोग करते गए निर्माण
 

Photo story: Even in the Boundry of deadly electric poles

electric pole

 

यह है मानक दूरी
लाइन : क्षमता : सुरक्षित लम्बवत दूरी : सुरक्षित क्षैतिज दूरी
11 केवी लाइन : 12.13 : 06.56
एलटी लाइन : 8.20 : 03.93
33 केवी लाइन : 12.3 : 6.56
(नोट दूरी फीट में)

ये है स्थिति
– 3.5 लाख बिजली उपभोक्ता हैं जिले में
– 60 हजार व्यावसायिक उपभोक्ता
– 300 किलोमीटर है बिजली लाइन

जबलपुर। बिजली लाइनों से बचाव के लिए सेंट्रल इलेक्ट्रीसिटी अथॉरिटी (सीइए) ने मानक मानक तय किए हैं। लेकिन, इस सम्बंध में विभागों ने आम जनता को न जागरूक किया न ही सचेत किया। जबलपुर में कार्रवाई कागजों तक सीमित रही। यही वजह है कि लोगों ने बिजली के खम्भों तक मकानों और दुकानों का निर्माण कर लिया। अब घरों की छतों पर झूलते हाईटेंशन लाइन के तार विभाग के साथ ही आमजन के लिए भी परेशानी का सबब बन गए हैं।
नहीं हुआ सर्वे
जानकारों के अनुसार अभी तक बिजली लाइनों के नीचे भवनों के निर्माण को लेकर कभी सर्वे नहीं कराया गया। भवन और भूमि को लेकर नगर निगम प्रशासन, बिजली विभाग, जिला पंचायत और टीएनसीपी भी उतना ही जिम्मेदार है। ये सभी विभाग अपने-अपने कार्यक्षेत्र में निर्माण कार्यों के लिए क्लीयरेंस देते हैं।
एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से युवती की मौत की घटना के बाद अब सम्बंधित विभाग जवाबदारी से बचने के लिए एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। निगम प्रशासन घटना के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार बता रहा है, वहीं बिजली महकमा नगर निगम पर बिना जांच किए मकान निर्माण की अनुमति देने की बात कह रहा है।
बारिश में रहता है सबसे ज्यादा खतरा
शहर के करीब एक दर्जन से अधिक क्षेत्रों में मकानों से चंद फासले पर बिजली के पोल लगे हैं या मकानों के ऊपर से बिजली लाइन गुजरी है। सबसे ज्यादा खतरा बारिश के दौरान रहता है। करमेता, प्रोफेसर कॉलोनी, जगदम्बा कॉलोनी, जानकी नगर, गोहलपुर, रामपुर, गढ़ा, आधारताल, रांझी आदि क्षेत्रों में यही स्थिति है।

यह सभी विभागों की नैतिक जिम्मेदारी है। हम समय-समय पर आवश्यक कार्रवाई करते हैं। लोगों को भी सचेत करते हैं।

हिमांशु अग्रवाल, कार्यपालन अभियंता

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