मतपेटियों को रखने के लिए काउंसिल के विश्राम कक्षों को स्ट्रॉंन्ग रूम का रूप दिया गया है। इन कक्षों में पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सभी स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर व अंदर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। मतगणना का सीधा प्रसारण काउंसिल मुख्यालय के सामने बड़े एलईडी स्क्रीन के जरिए किया जाएगा। इस बार काउंसिल के चुनाव हाइटेक तरीके से हो रहे हैं। मतगणना के पहले एक-एक मतपत्र को स्कैन कर संरक्षित किया जाएगा।
शनिवार को स्टेट बार काउंसिल के पदेन अध्यक्ष महाधिवक्ता शशांक शेखर ने स्ट्रॉन्ग रूम व काउंसिल परिसर का सुरक्षा के लिहाज से निरीक्षण किया। सचिव प्रशांत दुबे उनके साथ थे। मतगणना की पद्धति के तहत केवल वैध वोटों को ही गिना जाएगा। जिस बैलेट पेपर में सभी 25 वरीयताओं वाले प्रत्याशियों में से एक भी प्रत्याशी सदस्य नहंी चुना जाएगा, उसका वोट अवैध माना जाएगा। ऐसे वोटों को बाद में निरस्त कर दिया जाएगा।
ऐसे होगा चयन
प्रथम वरीयता के निर्धारित कट ऑफ से अधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी स्ववमेव चयनित हो जाएंगे। कटऑफ से कम प्रथम वरीयता के वोट पाने वाले अंतिम क्रमांक से एक-एक कर विलोपित होते जाएंगे। विलोपित होने वाले प्रत्याशियों के प्रथम वरीयता के वोट उसके पूर्व के क्रमांक वाले प्रत्याशी को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। प्रथम वरीयता का कट ऑफ वोट पाने के बाद उसके द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ के क्रम में सभी पच्चीस वरीयता के वोट निश्चित प्रतिशत के साथ गिने जाएंगे।
महाधिवक्ता शशांक शेखर ने बताया कि जिला अदालत जबलपुर मतदान केंद्र में दोबारा मतदान कराने के लिए मंगलवार को फैसला लिया जाएगा। इसी दिन रिपोलिंग की तारीख का ऐलान कर दिया जाएगा। मतगणना के लिए सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी गई हैं।
अलग-अलग पेटियों की क्षमता
बड़ी पेटी– 1500 वोट
मझोल पेटी—1000 वोट
छोटी पेटी—500 वोट
इन जिलों की पेटियां आईं
अनूपपुर, राजगढ़, बालाघाट, सिवनी, दमोह, कटनी, मंडला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, भोपाल, होशंगाबाद, रायसेन, भिंड, ग्वालियर, मुरैना, सागर, छतरपुर, सतना, सीधी, रीवा, शहडोल, जबलपुर।