गांधीग्राम के प्रमुख पान बरेजों में पंडित बारे, मल्हा बरेजा, देवनगर बारे, शहरा, बंगरा, खपरहिया, बाबाजी वाले पानबरेजों की कुइयां पूरी तरह से सूख गईं हैं। पान कृषकों ने बताया की वे पानी की कुइयों से ही पान की फसल सींचते थे, लेकिन भीषण गर्मी के चलते पानी की कुइयां पानी विहीन हो गई हंै। चौरसिया समाज के पान कृषकों जुगल चौरसिया, हरी चौरसिया, राममिलन चौरसिया, रामविशाल, खेमचंद, दिनेश, योगेन्द्र चौरसिया, राजेंद्र चौरसिया, विजय चौरसिया ने बताया कि पानी नहीं मिलने से नई व पुरानी पान बेलें गर्मी के प्रभाव से मुर्झाने लगी हैं। पान के पत्ते नई बेलों में आने से पहले ही झडऩे लगी हैं।
खास-खास
-50 एकड़ में होती है पान की खेती
-200 से अधिक पान बरेजें हैं
-300 के करीब चौरसिया समाज के लोग जुड़े हैं
-15 हजार के हिसाब से हर गड्डी 6 लाख पान निकलते हैं
दूसरे प्रदेशों की मंडियों में मांग
बंगला पान गांधीग्राम के पान बरेजों में होने वाला अपेक्षाकृत बड़ा बंगला पान देश व प्रदेश की प्रसिद्ध पान मंडियों में शुमार है। यहां का बंगला पान उत्तरप्रदेश के बनारस, लखनऊ, झांसी औरा मध्यप्रदेश के सागर, दमोह, कटनी, मैहर, सतना, रीवा, सीधी, मंडला, नरसिहपुर, होशंगाबाद, इटारसी, जबलपुर पान मंडियों में विक्रय के लिए आता है।