जबलपुर

हाईकोर्ट ने पूछा: राज्य में कितने तालाब अस्तित्व में, सरकार उनके संरक्षण के लिए क्या कर रही

माढोताल तालाब के संरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका का हाईकोर्ट ने दायरा बढाया

जबलपुरNov 27, 2022 / 11:02 pm

Manish garg

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जबलपुर
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है राज्य में कितने ताल अस्तित्व में हैं और उनका संरक्षण करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि उनकी नैसर्गिक सरंचना कायम रहे। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने कहा कि राज्य के तालाबों में अतिक्रमण को लेकर लगातार कई याचिकाएं और शिकायतें प्रस्तुत होती रही हैं। जलाशयों के मूल प्रयोजन को छोड़कर उनका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि सरकार इस मामले में वर्तमान तथ्यात्मक जानकारी पेश करे। मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2023 के तीसरे सप्ताह में होगी।
हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर जबलपुर के माढोताल तालाब में अतिक्रमण मामले में सुनवाई की थी। इस याचिका का दायरा बढ़ाकर सरकार से राज्य भर के जलाशयों के सम्बंध में जानकारी तलब की है। मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर बताया गया कि माढ़ोताल के अतिक्रमण हटाने और उसका संरक्षण करने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जल्द ही यह काम पूरा कर लिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत कर यह स्पष्ट बताएं कि अतिक्रमण हटाए गए हैं या नहीं?
शहर के अन्य तालाब भी खतरे में
इस मामले में अधिवक्ता आरपी कनौजिया ने हस्पक्षेप आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि माढ़ोताल के अलावा शहर के कई शासकीय तालाब हैं, जिनका निजीकरण उन्हें बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि तिलहरी, अमखेरा, तेवर, सिलुआ, बूढ़ा सागर समेत कई ऐसे जलाशय हैं जोकि शासकीय मद में दर्ज हैं, लेकिन उन्हें निजी हाथों में देकर अवैध निर्माण कराया जा रहा है।
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